नारायणपुर: आमदई खदान की लीज रद्द करने की मांग को लेकर 7 जिलों के ग्रामीणों की तरफ से प्रशासन को दिए अल्टीमेटम की अवधि आज खत्म हो रही है. जिसे लेकर छोटे डोंगर में सर्व समाज पदाधिकारियों ने बैठक की. बैठक में कलेक्टर से मिलने के बाद आगे की रणनीति बनाने की बात पर सर्वसहमति जताई गई.
आमदई खदान लीज रद्द करने की मांग दरअसल आमदई खदान की लीज को रद्द करने की मांग को लेकर बस्तर संभाग के 7 जिलों के हजारों ग्रामीणों ने धौड़ाई गांव में 4 दिनों तक आंदोलन किया था. इस आंदोलन के चौथे दिन हजारों ग्रामीणों की उपस्थिति में कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा गया. इसके लिए 15 दिनों का अल्टीमेटम जिला प्रशासन को दिया गया. इस आंदोलन के बाद जिला प्रशासन को दिए गए अल्टीमेटम की अवधि आज खत्म हो रही है. जिसे लेकर छोटेडोंगर में सर्व समाज पदाधिकारियों ने बैठक की. बैठक में सर्व प्रथम सर्व समाज जनसंघर्ष समिति का गठन सर्व सहमति से किया गया. इसमें सर्वसहमति से संघर्ष समिति के अध्यक्ष की जिम्मेदारी सागर साहू को सौंपी गई हैं.
अल्टीमेटम खत्म होने के बाद कलेक्टर से मुलाकात करेगी समिति
सर्व समाज संघर्ष समिति करेगी कलेक्टर से मुलाकात सर्व समाज संघर्ष समिति ने छोटेडोंगर में सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी की उपस्थिति में बैठक की. जिसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की गई. बैठक में ये निर्णय लिया गया कि समिति सबसे पहले कलेक्टर से मुलाकात कर सौंपे गए ज्ञापन को लेकर चर्चा करेगी. इस चर्चा के बाद आगामी आंदोलन की रणनीति बनायी जाएगी.समिति के 20 सदस्य सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी की अगुवाई में 26 दिसम्बर को जिला मुख्यालय पहुंचकर कलेक्टर से मुलाकात करेंगे. उसके बाद आगे की रणनीति तैयार की जाएगी.
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खदान से आमदई घाटी के प्राकृतिक सौंदर्य, संस्कृति, देवी-देवताओं के स्थान, जंगल के वनोपज को होने वाले नुकसान को लेकर बस्तर संभाग के 7 जिलों के हजारों लोग सड़क पर बैठ गए थे. ग्रामीणों ने छोटेडोंगर से धौड़ाई तक करीब 9 किलोमीटर पैदल रैली निकाली थी. रैली धौड़ाई तक पहुंचने के बाद प्रदर्शनकारियों ने गोंडवाना समाज भवन के सामने आंदोलन शुरू कर दिया था. 3 दिन चले आंदोलन के बाद चौथे दिन आदिवासियों और कलेक्टर के बीच सड़क पर 5 घंटे तक चर्चा चली. जिसके बाद प्रशासन ने उनकी मांगों को सरकार तक पहुंचाने के लिए 15 दिनों का समय मांगा. जो आज 22 दिसंबर को खत्म हो रही है.
अल्टीमेटम की अवधि खत्म होने के बाद आगे की रणनीति बनाने के लिए सर्व समाज संघर्ष समित का गठन किया गया हैं.