नारायणपुर: लॉकडाउन के कारण गरीब तबके के लोगों को भी इसका काफी नुकसान होता दिख रहा है. नारायणपुर में मिट्टी के घड़े बनाने वाले कुम्हारों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. अप्रैल के महीने में शुरुआती गर्मी के दौरान मटकों की अच्छी खासी बिक्री होती थी, लेकिन इस बार लॉकडाउन की वजह से बिक्री काफी प्रभावित हुई है.
जिले में कुम्हारों का मोहल्ला पूरा तरह सुनसान पड़ा है. ऐसे में साल भर से मटकों की बिक्री का इंतजार कर रहे कुम्हारों के धंधे पर कोरोना वायरस का ग्रहण लग गया है. जिसके कारण कुम्हार परिवारों को पेट पालना मुश्किल हो गया है.
बिक्री पर पड़ रहा है असर
'कुम्हारों ने अपना दर्द बताते हुए कहा कि 'हम लोग साप्ताहिक बाजारों में अपने मटके बेच लेते थे. हर साल अप्रैल महीने की शुरुआत में मटकों की अच्छी खासी बिक्री शुरू हो जाती थी, लेकिन इस साल ऐसा नहीं हो रहा है. लॉकडाउन की वजह से बिक्री पर काफी असर पड़ा है. हर साल इस सीजन के लिए दीपावली के बाद से तैयारी शुरू कर देते हैं. लेकिन जब मेहनत का फल मिलने का वक्त आया, तब लॉकडाउन की वजह से समस्या बढ़ गई है.