नारायणपुर :हिंदू पंचांग के अनुसार नरसिंह जयंती हर साल वैशाख मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है.नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले में पहली बार कुम्हारपारा में नरसिंह जयंती मनाई गई. जयंती कार्यक्रम में नारायणपुर जिले के गावों से कुम्हार समाज के हजारों लोग शामिल हुए. कुम्हारपारा से सुबह 09 बजे कलश शोभा यात्रा निकाली गई. जो प्रमुख मार्ग बुधवारी बाजार,जगदीश मंदिर पारा,जयस्तंभ चौक,चांदनी चौक से होते हुए वापस कुम्हारपारा के नरसिंह मंदिर में समाप्त हुई. नरसिंह मंदिर में विशेष पूजा हवन के बाद आरती और प्रसाद ,भोजन वितरण कार्यक्रम किया गया.
कुम्हार समाज के इष्टदेव हैं भगवान नरसिंह : कुम्हार समाज के प्रमुख सुरेश पांडे ने बताया कि '' आज के दिन नरसिंह भगवान का जन्म हुआ था. इसलिए नरसिंह जयंती महोत्सव मनाया जा रहा है. हर साल कार्यक्रम आयोजित किया जाता है. आने वाले समय में भी कार्यक्रम को अच्छे से मनाया जाएगा. नरसिंह भगवान कुम्हार समाज के ईष्ट देव है .इसलिए समाज हर्षोल्लास के साथ इस दिन को मनाता है.नरसिंह जयंती पर जिले के सभी कुम्हार अपना काम बंदकर महोत्सव में पहुंचे थे.
Narayanpur : कुम्हार समाज ने हर्षोल्लास से मनाई नरसिंह जयंती - कुम्हार समाज
नारायणपुर जिला मुख्यालय के कुम्हारपारा में नरसिंह भगवान की जयंती महोत्सव धूमधाम से मनाई गई. इस अवसर पर कुम्हार समाज की 500 से अधिक महिलाओं ने कलश शोभायात्रा निकाली. जिसमें समाज के हजारों लोग शामिल हुए.
कुम्हार समाज ने हर्षोल्लास से मनाई नरसिंह जयंती
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कुम्हारों ने ग्रामीण अर्थव्यवस्था को दिया है सहारा :आपको बता दें कि जिले में रहने वाले कुम्हार समाज के लोग मिट्टी को आकर देकर तरह-तरह के बर्तन बनाने का काम करते हैं. कुम्हारों के बनाए हुए मटके हजारों लोगों को ठंडा पानी उपलब्ध कराते हैं. वहीं मिट्टी के सस्ते खिलौने छोटे बच्चों के बीच लोकप्रिय हैं.कुम्हारों के कारण ही हस्त कला एक स्थान से दूसरे स्थान तक लोकप्रिय हुई है.