नारायणपुर : आवासीय पोटा केबिन ओरछा और देवगांव में पढ़ाने वाले इंस्ट्रक्टर शिक्षकों ने पांच सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. इंस्ट्रक्टर शिक्षकों का कहना है कि वो कई साल से पोटा केबिन में पढ़ रहे बच्चों को शिक्षा दे रहे हैं. लेकिन उन्हें सिर्फ पार्ट टाइम शिक्षक की तरह ही मानदेय मिलता है. जबकि बच्चों को पढ़ाने के अलावा इंस्ट्रक्टर शिक्षक को पोटाकेबिन में रहकर 24 घंटे देखभाल भी करनी होती है. रेगुलर शिक्षक की तरह उनसे काम तो लिया जा रहा है लेकिन मानदेय नहीं मिल रहा.
क्या करते हैं इंस्ट्रक्टर शिक्षक ? :इंस्ट्रक्टरटीचरअबूझमाड़ जैसे बीहड़ इलाकों में जाकर बच्चो की काउंसलिंग करते हैं. इसके बाद बच्चों को बीहड़ इलाकों से लाकर पोटा केबिन में रखा जाता है.जहां उनकी शिक्षा और विकास पर ध्यान दिया जाता है. ये पूरा काम इंस्ट्रक्टर शिक्षकों के भरोसे होता है.लेकिन जो मानदेय शिक्षकों को मिल रहा है वो काफी कम है.बढ़ती महंगाई से साथ इंस्ट्रक्टर शिक्षकों का मानदेय नहीं बढ़ा.जिसे बढ़ाने की मांग अब शिक्षक कर रहे हैं.
'' जो हम काम करते हैं. उसे पार्ट टाइम कर दिया गया है. लेकिन 24 घंटा ड्यूटी करते हैं. पार्ट टाइम लिखा है. उसे हटाया जाए और वेतन में वृद्धि किया जाए. इंस्ट्रक्टर सुबह से शाम तक बच्चों को पढ़ाते हैं. बच्चों के पालक से संपर्क करते हैं. इस दौरान कई बीहड़ क्षेत्रों में नदी नाले को पार करना पड़ता है.बच्चों को सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से भी जोड़ते हैं.''-लावेंत्री कोर्राम, इंस्ट्रक्टर शिक्षक, पोटाकेबिन आवासीय विद्यालय