नारायणपुर:जिले के हृदय स्थल में बसे बंधुआ तालाब की हालत हर रोज के साथ दयनीय होती जा रही है. करोड़ों खर्च होने के बाद भी इसकी स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रही है. पूरा तालाब जलकुंभी से भर गया है.
जलकुंभी से पटा बंधुआ तालाब दरअसल बंधुआ तालाब के सौंदर्यीकरण के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए गए. कई बार इसकी साफ-सफाई भी की गई, लेकिन इस तालाब की हालत ठीक नहीं हो रही है. इस वजह से इस तालाब के आस-पास किसी भी तरह का धार्मिक काम करना भी कोई पसंद नहीं कर रहा है.
छठ के नाम पर खानापूर्ति
छठ पर्व को देखते हुए खानापूर्ति करते हुए नगर पालिका की तरफ से तालाब के किनारे जलकुंभी को हटाने का काम किया गया. लेकिन सवाल ये उठता है कि किसी भी आयोजन के समय ही क्यों प्रशासन को तालाबों की याद आती है. प्रशासन की अनदेखी की वजह से ही आज तालाबों की ये दुर्दशा हो रही है.
कभी इस तालाब का पानी पीते थे लोग
यहां रहने वाले लोगों ने ETV भारत से बताया कि किसी समय में यहां के लोग इसी तालाब का पानी पीते थे और इसी बंधुआ तालाब से उनकी दिनचर्या चलती थी. आज तालाब की ये हालत देखकर रहवासी काफी परेशान हैं. लोग प्रशासन से इसकी साफ-सफाई की अपील कर रहे हैं.
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फरवरी से तालाब के सौंदर्यीकरण की उम्मीद
नगर पालिका सीएमओ मोबिन अली ने बताया कि छठ पर्व को ध्यान में रखते हुए बंधुआ तालाब की साफ सफाई का कार्य किया जा रहा है. बंधुआ तालाब के सौंदर्यीकरण को लेकर प्रोजेक्ट बनाने का काम चल रहा है.सीएमओ ने फरवरी महीने से बंधुआ तालाब के सौंदर्यीकरण का काम शुरू करने का आश्वासन दिया.
जलकुंभी से पटा बंधुआ तालाब तालाब की दुर्दशा से लोगों में गुस्सा
हिंदू रीति नीति के धार्मिक कार्यों में तालाब का विशेष महत्व होता है. कई दशकों से नारायणपुर के लोग बंधुआ तालाब में धार्मिक कार्यों को संपन्न करते आ रहे हैंं, लेकिन अब जिला प्रशासन की अनदेखी की वजह से जलकुंभी ने पूरे तालाब को बर्बाद कर दिया है. आलम ये है कि किसी भी धार्मिक कार्य के लिए तालाब में स्थान ही नहीं बचा है. जिसे लेकर नगरवासियों में काफी रोष है.