नारायणपुर:कहते हैं कि बच्चे देश का भविष्य होते हैं. हालांकि छत्तीसगढ़ के कुछ जिलों में देश के भविष्य यानी कि बच्चों के भविष्य के साथ ही खिलवाड़ किया जा रहा है. अक्सर स्कूल में बदहाली, शिक्षकों की अनुपस्थिति, जर्जर स्कूल के कारण बच्चों की शिक्षा प्रभावित होने की जानकारी मिलती है. प्रशासन की ओर से इन बदइंतजामी को सही भी कर लिया जाता है. बावजूद इसके ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा की स्थिति बद से बदतर है.
शिक्षक स्कूल से गायब: ताजा मामला नारायणपुर जिले से सामने आया है. नारायणपुर जिला मुख्यालय से महज 22 किलोमीटर दूर प्राथमिक शाला बेड़माकोट में 17 बच्चे पढ़ते हैं. हालांकि इस स्कूल में एक भी शिक्षक नहीं आते. बच्चे हर दिन स्कूल आते हैं और चले जाते हैं. स्कूल का रसोईया भी हर दिन मध्याह्न भोजन देकर बच्चों को छुट्टी दे देता है. स्कूल में शिक्षक न होने से कुछ बड़े बच्चे छोटे बच्चों को पढ़ा देते हैं. हालांकि उन बड़े बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल में शिक्षक ही उपलब्ध नहीं है.
रजिस्टर मेंटेन कर रहे शिक्षक: ऐसा नहीं है कि स्कूल में शिक्षकों की नियुक्ति नहीं की गई है. स्कूल में शिक्षक तो हैं लेकिन वो सिर्फ हाजरी लगाते हैं. 15 दिन एक माह में आकर शिक्षक अपना रजिस्टर मेंटेन करते हैं. लेकिन वो हर दिन स्कूल नहीं आते हैं. गांव के बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ होता देख गांव के सरपंच और ग्रामीणों ने उच्च अधिकारियों से शिक्षकों की गैरहाजिरी की शिकायत की है. शिक्षकों के ऐसे व्यवहार से जनप्रतिनिधि और ग्रामीण दोनों गुस्से में हैं.