Narayanpur Orchha Road Bad Condition: नारायणपुर ओरछा मार्ग में भूलभुलैया, ढूंढनी पड़ेगी 55 किलोमीटर लंबी सड़क - Road damaged due to aamdai iron mines vehicles
Narayanpur Orchha Road Bad Condition नारायणपुर से छोटेडोंगर तक जब सड़क निर्माण हुआ तो ग्रामीण काफी खुश हुए. उन्हें लगा कि उनके दूरस्थ क्षेत्रों में सड़क बनने से इसी रास्ते से विकास पहुंचेगा. इस क्षेत्र में विकास तो नहीं पहुंचा बल्कि आमदाई लोह माइंस के लिए चलने वाली भारी गाड़ियों से धूल का गुबार और बारिश के दिनों में गड्ढों से परेशानी बढ़ गई. potholes in road
नारायणपुर ओरछा मार्ग की बदहाल सड़क
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Published : Jul 13, 2023, 12:33 PM IST
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Updated : Jul 13, 2023, 1:19 PM IST
नारायणपुर ओरछा मार्ग की बदहाल सड़क
नारायणपुर:नारायणपुर ओरछा सड़क मार्ग की बदहाली से लोग ना सिर्फ परेशान हो रहे हैं बल्कि इस सड़क की वजह से कई लोगों को अपनी जान भी गंवानी पड़ रही है. सड़क में बने गड्ढों से टू व्हीलर और दूसरी गाड़ियां हादसों का शिकार हो रही हैं. हालत ये है कि किसी गर्भवती या गंभीर मरीज को एंबुलेंस में इस रोड से ले जाने में कई घंटों का समय लग जाता है.
सड़क में गड्ढे या गड्ढे में सड़क: नारायणपुर से छोटेडोंगर तक सालभर पहले सड़क बनाई गई. लेकिन 55 किलोमीटर तक सड़क की हालत काफी खराब है. बारिश के कारण पूरी सड़क कीचड़ में तब्दील हो गई है. पूरी सड़क में सिर्फ गड्ढे ही गड्ढे नजर आते हैं. जिससे यहां से गुजरने वाले लोग हर रोज काफी परेशान हो रहे हैं.
आमदाई लोह माइंस की गाड़ियों से सड़क हुई खराब: यहां के स्थानीय ग्रामीण और इस सड़क से गुजरने वाले लोग बताते हैं कि सड़क जब बनी थी तब ठीक थी. सड़क बनने के कुछ दिनों बाद ही आमदाई लोह माइंस से वाहनों की आवाजाही शुरू हो गई और सालभर के अंदर ही सड़क गड्ढे में बदल गई. यानी सड़क निर्माण लोह माइंस के लिए ही कराया गया था.
खराब रोड की वजह से 2 की जगह लगते हैं 4 घंटे:लगातार भारी गाड़ियों की आवाजाही से रोड पूरी तरह खराब हो चुकी है. आम दिनों में भारी वाहनों के चलते लोग धूल से परेशान रहते हैं. वहीं बारिश के दिनों में पूरी सड़क में गड्ढे होने के कारण पानी भर जाने से आने जाने वाले लोगों को गड्ढे नजर नहीं आते और वे हादसे का शिकार हो जाते हैं. ग्रामीणों ने कई बार आंदोलन कर भारी वाहनों के इस रोड से ना गुजराने की मांग भी की लेकिन मामले में कोई सुनवाई नहीं हुई.
आज नारायणपुर में मीटिंग में जाना है लेकिन कभी समय पर नहीं पहुंच पाता. आने जाने में काफी देरी होती है. गर्भवती महिलाओं को अगर नारायणपुर ले जाना हो तो रास्ते में ही डिलीवरी हो जाए. माइंस गाड़ी के चलते पूरी सड़क का सत्यानाश हो गया है. हर 5- 5 मीटर में पूरी सड़क में गड्ढे हो गए हैं. माइंस की गाड़ियों को प्रतिबंधित कर देना चाहिए. सुखमन पोयम, शिक्षक
हर रोज 500 से ज्यादा गाड़ियां इस सड़क पर चल रही है. पूरी सड़क में गड्ढे हो गए हैं. बारिश में पानी भरने से पता नहीं चलता, हर रोज बाइक वाले गिरते रहते हैं. अस्पताल जाने, राशन लेने के लिए जाने में काफी दिक्कत होती है- महेंद्र कुमार कुलदीप, ग्रामीण, फरसग्राम
अधिकारियों का रटा रटाया बयान:ग्रामीणों का कहना है कि माइंस खुलने से उन्हें कोई लाभ नहीं हुआ बल्कि ज्यादा परेशानी हो गई. पूरी सड़क खराब हो गई. एंबुलेंस को पहुंचने में भी काफी वक्त लगता है. इधर अधिकारी सड़क खराब होने का पूरा ठीकरा ठेकेदार पर फोड़ते हुए काम नहीं होने पर कार्रवाई की बात कह रहे हैं.
ठेकेदार को रोड रिपेयर के लिए पत्र व्यवहार किया गया है. ठेकेदार अगर काम नहीं करता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी. जयलाल मानकर, प्रभारी, E.E.PWD
नारायणपुर से छोटेडोंगर तक सड़क बनने के बाद यहां के ग्रामीण काफी खुश हुए. लेकिन कुछ ही दिनों में उनकी खुशी को ग्रहण लग गया. आमदाई लोह माइंस तक हर रोज भारी गाड़ियों की आवाजाही होने लगी. धूल का गुबार लग गया. बारिश के दिनों में हादसे बढ़ गए. ग्रामीण अब बड़ी गाड़ियों की आवाजाही बंद करने की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी इस मांग पर कितनी सुनवाई होती है, ये देखने वाली बात होगी.