नारायणपुर :ग्राम पंचायत भरंडा के ग्रामीणों ने कलेक्टर दफ्तर में जाकर सड़क बनाने की गुहार लगाई है.ग्रामीण निजी वाहनों से अपने परिवार के सदस्यों के साथ कलेक्टर ऑफिस पहुंचे थे. इस दौरान ग्रामीण महिलाओं ने अपने छोटे बच्चों को भी अपने साथ में रखा था.ग्रामीणों की माने तो जिला मुख्यालय से उनके गांव की दूरी 12 किलोमीटर है.बावजूद इसके उनके गांव में पक्की सड़क नहीं बनी. इन ग्रामीणों में सभी खेती किसानी और मजदूरी करने वाले थे.इसमें अधिकांश महिलाएं अनपढ़ थीं. जिसे हिंदी बोलना भी नहीं आता था. सभी अपनी क्षेत्रीय भाषा गोंडी छत्तीसगढ़ी में अपना दुखड़ा बता रहे थे.ग्रामीणों के मुताबिक उन्हें अपने बच्चों के भविष्य की चिंता है.
रोड नहीं होने से बच्चों की पढ़ाई का नुकसान :ग्रामीण महिला फूलबति दुग्गा ने बताया कि हम लोग रोड के लिए कलेक्ट्रोरेट आएं हैं. कच्ची रोड में बहुत तकलीफ हो रहा है. मैं अनपढ़ हूं लेकिन बच्चों को पढ़ना चाहती हूं. ताकि मेरे जैसे अनपढ़ कोई बच्चा ना रहे.अभी गांव में रोड खराब होने के कारण कोचिंग बस गांव तक नहीं पहुंच रहा है. जिससे गांव में बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पा रही है.
''मैं चाहती हूं कि मेरे बच्चे नाती पोते और गांव के सभी बच्चे अच्छे से पढ़ें. सभी गांव के बच्चे आगे बढ़े. ऐसा सोच है.रामकृष्ण मिशन विवेकानंद से एजुकेशन के लिए बस की सुविधा पहले गांव को मिलती थी. यहां से बच्चे कोचिंग पढ़ने के लिए नारायणपुर जाते थे.खराब रोड के कारण बस सेवा बंद है. बस सेवा की मांग के लिए हमने रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर के महाराज के पास गए तो खराब रोड का हवाला देते हुए बस भेजने के लिए साफ मना कर दिए.'' फूलबति दुग्गा,ग्रामीण महिला