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Chhattisgarh Health Federations Strike : नारायणपुर में पांच सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य फेडरेशन की हड़ताल, गरीब जनता हो रही परेशान

Chhattisgarh Health Federations Strike छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य फेडरेशन ने पांच सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल शुरु कर दी है. जिसकी वजह से सरकारी अस्पतालों में मरीजों को परेशानी हो रही है. फेडरेशन की माने तो जब तक उनकी मांगों पर अमल नहीं होता वो काम पर नहीं लौटेंगे.

Chhattisgarh Health Federations Strike
पांच सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य फेडरेशन की हड़ताल

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Published : Aug 21, 2023, 8:02 PM IST

छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य फेडरेशन की हड़ताल

नारायणपुर : वेतन विसंगति सहित पांच सूत्रीय मांगों को लेकर छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य फेडरेशन हड़ताल पर चला गया है. इसमें मेडिकल कॉलेज जिला अस्पताल, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर उप स्वास्थ्य केंद्र के वर्कर्स हिस्सा ले रहे हैं.जिसमें डॉक्टर्स , नर्स और RHO अपनी मांगों को रखेंगे.इस दौरान जिले में स्वास्थ्य सेवाएं प्रभावित हैं.

अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी :छत्तीसगढ़ स्वास्थ्य फेडरेशन स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत डॉक्टर, नर्स और RHO लंबित मांगों को लेकर संघर्षरत है. बार-बार आवेदन के बाद भी शासन प्रशासन ने इस कोई ध्यान नहीं दिया. आखिरकार अपनी मांगों को पूरा नहीं होता देख.फेडरेशन से जुड़े लोग अब आर पार की लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर हो गए हैं.नागपंचमी के अवसर पर मेडिकल टीम ने कलेक्टर और एसपी से मिलने के बाद जुलूस निकालकर धरना स्थल की ओर कूच किया. डॉक्टर और नर्सों ने मांगें पूरी नहीं होने तक हड़ताल करने की चेतावनी दी है.


डॉक्टर, नर्स और आरएचओ ने बताया कि केंद्र में नर्स डॉक्टर काम कर रही है. उनका वेतन अलग है और हमारा वेतन अलग है. इस प्रकार से सरकार हमारे साथ भेदभाव कर रही है. केंद्र सबको चार स्तरीय समान वेतनमान दे रही है. वहीं छत्तीसगढ़ में आज दिनांक तक तीन स्तरीय वेतनमान ही दिया जा रहा है.

''जिस प्रकार पुलिस विभाग में शनिवार, रविवार या रात हो या फिर अवकाश के दिनों में ड्यूटी करने पर उन्हें भत्ता मिलता है. साल में 13 माह का वेतन मिलता है.उसी प्रकार स्वास्थ्य सेवाओं में जुड़े डॉक्टर नर्सों को भी अतिरिक्त भत्ता मिले.'' डॉक्टर केशव साहू,खंड चिकित्सा अधिकारी



हड़ताल के दौरान आम जनता को होगी परेशानी : डॉक्टर, नर्स और आरएचओ अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकाल में आंदोलन के लिए तैयार हैं. लेकिन इस दौरान ओपीडी से लेकर ऑपरेशन तक हर सेवा सरकारी अस्पतालों में बाधित है. डिलिवरी से लेकर एक्सीडेंटल केस भी डॉक्टर्स नहीं अटैंड कर रहे हैं.जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी हो रही है.

''हमारी मांग 15 से 16 वर्षों से है. इसमें मुख्य मांग वेतन विसंगति है. केंद्र के समान वेतन हमें देना चाहिए.'' मलीना पवार,जिला अध्यक्ष नर्स संगठन

क्या है स्वास्थ्यकर्मियों की मांगें ?: स्वास्थ्यकर्मियों की मुख्य मांगों में वेतन विसंगति दूर करना, 24 घंटा सेवा अवधि को ध्यान में रखकर साल में एक माह अत्यधिक वेतन देना, कोरोना काल का इंसेंटिव, ड्यूटी के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों पर हिंसा करने वालों पर त्वरित कार्रवाई, स्वाथ्यकर्मियों पर आरोप लगने पर CMHO के देखरेख में जांच और कार्रवाई की मांग की गई है.

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आपको बता दें स्वास्थ्य कर्मियों के आंदोलन में जाने से जिले में स्वास्थ्य सुविधा पर विपरित प्रभाव पड़ रहा है.क्योंकि सरकारी अस्पतालों में गरीब मरीज इलाज के लिए आते हैं.ऐसे में डॉक्टर, नर्स और मेडिकल स्टाफ के हड़ताल पर चले जाने से गरीब जनता को परेशानी हो रही है.

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