नारायणपुर: मजदूर आंखों में नए सपने लिए हर साल काम की तलाश में घर छोड़ कर सैकड़ों मील दूर दूसरे प्रदेशों में जाते हैं. जिले के रहने वाले मानसिंह और उसके दो साथी रामसिंह और कुम्बूलाल भी काम की तलाश में घर छोड़कर तमिलनाडु निकल पड़े थे. लेकिन कोरोना वायरस के कारण हुए लॉकडाउन में वहां फंस गए. इन सभी कामगारों को प्रशासन की मदद से वापस लाया गया, जिसके लिए उन्होंने सरकार का आभार जताया है.
जिले के धुर नक्सल प्रभावित टेमरूगांव के मानसिंह अपने दो साथियों के साथ मजदूरी करने तमिलनाडु गए थे. वे इस बात से भी वाकिफ थे कि कम पढे़-लिखे लोगों को अच्छा काम मिलने के साथ ही रहने-खाने की दिक्कत भी होती है, फिर भी वो वहां चले गए.
लॉकडाउन में फंसे मजदूर
परदेस में कुछ दिन बीते ही थे कि कोरोना महामारी के कारण देशभर में लॉकडाउन लग गया और इसकी वजह से काम-काज बंद हो गया, जिसके बाद उन्हें घर की याद सताने लगी. संकट की घड़ी में उनको एहसास हुआ कि घर में सहूलियत की हर चीजें आसानी से मिल जाती हैं.
श्रमिकों को वापस लाया गया
इस दौरान मानसिंह और उनके साथियों को खाने तक के लाले पड़ने लगे. जब कहीं से कोई मदद की उम्मीद नजर नहीं आई तो मानसिंह जैसे हजारों प्रवासी श्रमिकों, कामगारों को वापस लाने के लिए शासन प्रशासन ने अपनी संवेदनशीलता का परिचय दिया. संकट की घड़ी में छत्तीसगढ़ सहित देश के विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों को स्पेशल ट्रेन और बस के जरिए सकुशल और सुरक्षित घर वापस लाने का काम शुरू हुआ.
श्रमिकों को रोजगार दिया