नारायणपुर: स्वास्थ्य विभाग की टीम जिले के अबूझमाड़ के ओरछा विकासखंड के धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में जाकर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया. स्वास्थ्य विभाग की टीम जंगल, पहाड़ और पगडंडियों के सहारे गांव हांदावाड़ा, बेड़मा, कुर्सिंगबहार और इरूलीपारा पहुंची थी. इन गांव में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन कर 72 ग्रामीणों का चेकअप किया गया. डॉ बीएन बनपुरिया खण्ड चिकित्सा स्वास्थ्य अधिकारी के नेतृत्व में उनके सहयोगी डॉ. प्रभाष पाल, गिरधारी जैन, भीमराज सोढ़ी, प्रमिला उसेण्डी, हेमेश्वरी बघेल, अर्जुन यादव गांव पहुंचे थे.
नक्सल प्रभावित क्षेत्र पहुंचा स्वास्थ्य विभाग पढ़ें- एम्बुलेंस है, लेकिन गांव तक पहुंचने के लिए सड़क नहीं, खाट के सहारे अस्पताल पहुंच रहे मरीज
ओरछा ब्लॉक के क्षेत्रों में खासकर अंदरूनी और आदिवासी बाहुल्य इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कलेक्टर अभिजीत सिंह सजग और संवेदनशील हैं. कलेक्टर ने खुद समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग की मीटिंग लेकर जिले के लोगों को और अधिक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने और अंदरूनी क्षेत्रों तक पहुंच बनाने के लिए योजना तैयार कर रहे हैं. हांदावाड़ा क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव संबंधी सूचना को गंभीरता से लेते हुए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को तत्काल क्षेत्र में मेडिकल टीम भेजकर स्वास्थ्य जांच करने के निर्देश दिए.
मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान का किया क्रियान्वयन
समय-समय पर चलने वाले पल्स पोलियो अभियान, राष्ट्रीय कृमिमुक्ति दिवस और हाल में राज्य शासन के बस्तर संभाग के लिए विशेष रूप से शुरू किये गये मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान का भी क्रियान्वयन स्वास्थ्य अमला कर रहा है. इस क्षेत्र के बच्चों और ग्रामीणों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने का प्रयास किया जा रहा है.
लोगों की जांच करते टीम के सदस्य शिविर लगाकर किया स्वास्थ्य परीक्षण
स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बीते 7 सितम्बर को ओरछा विकासखंड के गांव हांदावाड़ा, बेड़मा, कुर्सिंगबहार और इरूलीपारा पहुंचकर घर-घर जाकर ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया. जांच के दौरान चिकित्सा दल ने ग्रामीणों को मलेरिया से बचाव हेतु जानकारी दी और हांदावाड़ा पहुंचकर ग्रामीणों से महामारी संबंधी बीमारी की भी जानकारी ली. शिविर में आए मरीजों की जांच कर उनका उपचार किया गया. इसके बाद चिकित्सा दल सिरहा के घर पहुंचा जहां पर तीन मरीज पाये गये जो झाड़-फूंक करवा रहे थे. खण्ड चिकित्सा अधिकारी ओरछा डॉ बनपुरिया ने उन 3 मरीजों की जांच की, जिसमें एक महिला 5-6 दिनों से खांसी, बुखार से पीड़ित थी. जांच के दौरान पाया गया कि महिला ब्रोकाइटिस और लोबार न्यूमोनिया से ग्रसित है, जिसका तुरंत उपचार शुरू किया गया.
शराब छोड़ने की दी समझाइश
एक महिला को शराब पीने की लत है, इस वजह उसके लीवर में सूजन की वजह से दर्द था जिसे उचित सलाह देकर उपचार किया गया. तीसरा मरीज सोमारू जिसके पूरे शरीर में भारी सूजन और खून की कमी, साथ ही पेट में पानी भरा हुआ था. जांच करने और पूरी जानकारी लेने पर ज्ञात हुआ कि उक्त मरीज शराब का हमेशा आदी रहा है, जो सामुदायिक स्वाथ्य केन्द्र ओरछा में 16 दिनों तक भर्ती भी रहा था. ठीक होने के बाद शराब का सेवन करने लगा जिसकी वजह से वह बीमार हो गया था. मरीज को शराब छोड़ने की समझाइश देकर उपचार किया गया.
हांदावाड़ा में 3 दिन तक रहेगा शिविर
हांदावाड़ा, लंका, डूंगा नारायणपुर जिले के ऐसे गांव है, जहां जाने के लिए बीजापुर और दंतेवाड़ा की ओर से नदी-नालों को पार कर पहुंचा जाता है. डॉ बनपुरिया के नेतृत्व में यह दल भी इसी मार्ग के जरिये इन गांवों में पहुंचा और मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें आवश्यकतानुसार जीवनरक्षक दवाईयों का निशुल्क वितरण किया. हांदावाड़ा, बेड़मा रूककर सप्ताह में 3 दिन नियमित स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने और किसी प्रकार की बीमारी की बड़े पैमाने पर फैलने की स्थिति में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा खण्ड चिकित्सा अधिकारी को तत्काल सूचित करने कहा गया है.