नारायणपुर: नक्सली गतिविधियों के संबंध में सूचना संकलन के लिए गोपनीय सैनिक और जन जागरण सैनिकों के पद स्वीकृत है. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में ग्रामीणों को गोपनीय सैनिक पद दिया जाता है. लेकिन नारायणपुर जिले में कुछ गोपनीय सैनिकों की छंटनी किए जाने से अब उनका परिवार आर्थिक तंगी से जूझ रहा है. ऐसे में इन परिवारों की महिलाएं अपने पतियों की नौकरी वापस मांगने के लिए कलेक्टर से गुहार लगाने पहुंची थी.
पत्नियों ने पति की नौकरी के लिए लगाई गुहार महिलाओं ने कलेक्टर को आवेदन भी दिया है. आवेदन में बताया गया है कि उनको पति विगत 8-9 सालों से गोपनीय सैनिक के पद पर काम कर रहे थे. जिन्हें अचानक बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. महिलाओं ने बताया है कि अचानक नौकरी जाने से परिवार की हालत खराब हो गई है.
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विशेष कार्य नहीं किए जाने पर हटाए गए
हटाए गए गोपनीय सैनिकों को एक पत्र सौंपा गया था. जिसमें उल्लेखित था कि मध्यप्रदेश शासन गृह पुलिस विभाग के आदेश क्रमांक 1016/474/2000/ब/दे/भोपाल दिनांक 10.04.2000 के अनुसार नियुक्ति प्रदान की गई थी. परंतु लंबे समय से नक्सल विरोधी अभियान के अनुकूल कोई विशेष कार्य नहीं किए जाने पर गोपनीय सैनिकों के पद से उन्हें पृथक किया जाता है.
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गोपनीय सैनिक अब कर रहे हैं मजदूरी
महिलाओं ने बताया कि उनके पति अब बेरोजगार हो चुके हैं. मजबूरन वे मजदूरी कार्य कर रहे हैं. घर की आर्थिक स्थिति अत्यधिक बिगड़ गई है. अब वे वापस अबूझमाड़ अपने गांव भी नहीं जा सकते, क्योंकि गांव में भी उन्हें जान का खतरा लगा रहेगा. गृहणीयो ने अपने साथ अपने दूध मुहे बच्चों को भी लाया था. महिलाओं का कहना है कि वे शासन और प्रशासन से दोबारा अपने पतियों के लिए गोपनीय सैनिक में शामिल करने की मांग कर रहे हैं.