नारायणपुर:बस्तर में लगातार हो रही नक्सली हिंसा को खत्म करने के लिए लगातार कोशिश की जा रही है. शुक्रवार को नक्सली हेडक्वार्टर अबूझमाड़ से राजधानी रायपुर तक दांडी यात्रा-2 की निकाली गई. पदयात्रियों ने सरकार और नक्सलियों से बातचीत कर समस्या के समाधान का आग्रह किया है.
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद की समस्या को खत्म करने के लिए जनमत संग्रह किया गया था. इस दौरान 92 प्रतिशत लोगों ने यह कहा था कि नक्सल समस्या से निपटने का एक मात्र तरीका सरकार और नक्सलियों के बीच सामंजस्य स्थापित करना है. इसी कड़ी में दांडी पदयात्रा के तर्ज पर दांडी यात्रा-2 की शुरुआत की गई है. यात्रा में 100 से ज्यादा लोग शामिल हुए हैं.
23 और 24 मार्च को नक्सल हिंसा से प्रभावितों का सम्मेलन
पदयात्रा निकालने से पहले बस्तर संभाग के अन्य जिलों से आए लोग एक जगह इकट्ठा हुए थे. जहां एक छोटी सी सभा का आयोजन किया गया. आयोजन के बाद अरविंद नेताम ने इस पद यात्रा को हरी झंडी दिखाई. यात्रा की शुरुआत शांतिनगर से की गई. पदयात्रियों ने नाच-गाने और बैनर-पोस्टर के माध्यम से सरकार और नक्सलियों से बातचीत करने का आग्रह किया. 12 मार्च को इस पदयात्रा की शुरुआत हुई थी. पदयात्रियों ने इसका नाम दांडी मार्च 2 रखा है. पदयात्रियों के रायपुर पहुंचने के बाद 23 और 24 मार्च को नक्सल पीड़ितों का सम्मेलन आयोजत किया जाएगा.
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40 साल से जारी है हिंसा की वारदातें
पूरी दुनिया में लगभग 7 से ज्यादा देश नक्सल हिंसा से परेशान था. भारत और फिलीपींस को छोड़कर बाकी सभी देशों को इस समस्या से निजात मिल गया है. फिलीपींस में समाधान के लिए सरकार और नक्सलियों के बीच बातचीत चल रही है. बस्तर में पिछले 40 साल से लोग नक्सली हिंसा से परेशान हैं. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक पिछले 20 साल में 12 हजार से ज्याद लोग नक्सली वारदातों मारे गए हैं. इसमें नौ हजार से ज्यादा आम नागरिक थे. हजारों परिवार बेघर भी हुए हैं.