नारायणपुर: अब जमीनों को बिछाए कि फलक को ओढ़ें, मुफलिसी तो भरी बरसात में बे-घर हुई है...सलीम सिद्दीकी की लिखी ये लाइन उन तमाम लोगों पर सटीक बैठती हैं, जिन्हें वक्त की मार ने हालात के आगे बेबस कर दिया है. कोविड 19 महामारी ने भले इस खूबसूरत दुनिया की आंखों में हों लेकिन कुछ अच्छे लोग उम्मीद की किरण बनकर फागुराम और श्यामबत्ती जैसे लोगों की जिंदगी में आते हैं और कुछ कहानियां फागुराम और श्यामबत्ती जैसी बन जाती हैं.
कोराना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए एक तरफ जहां कोरोना वॉरियर्स जान की बाजी लगा रहे हैं, वहीं लॉकडाउन से कोरोना फाइटर्स लड़ रहे हैं. नारायणपुर के रेवेन्यू अधिकारी दीपक साव ने पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग के निर्देशन में कोरोना फाइटर्स की टीम के साथ सर्वे के लिए निकले थे. इस दौरान उन्होंने देखा कि 75 साल के फागुराम और 69 साल की श्यामबत्ती का घर बारिश ने उजाड़ दिया है. फागुराम इतने बीमार हैं कि बोल भी नहीं पा रहे. उनके इकलौते बेटे का निधन हो गया है और दोनों बेटियां ससुराल में हैं. फिर क्या था दीपक साव ने पुलिस जवानों के साथ मिलकर 5 घंटे में पूरे घर की हालत सुधार दी.
टीम ने बदल दिया घर का रूप