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Conversion नारायणपुर में धर्मांतरण के खिलाफ महासभा, दिल्ली में ईसाई समुदाय के प्रतिनिधियों से मिले सीएम बघेल

all tribal society General meeting in Edka छत्तीसगढ़ में धर्मांतरण का मुद्दा लगातार गहराता जा रहा है. शुक्रवार को नारायणपुर में सर्व आदिवासी समाज की महासभा हुई. आदिवासियों का कहना है कि आदिवासी समाज रीति रिवाज के अनुसार चलने वाला समाज है. हमारे रीति रिवाजों, परंपरा को यदि कोई छेड़ेगा तो हम उसे नहीं छोड़ेंगे. उधर दिल्ली में सीएम भूपेश बघेल ने भी ईसाई समुदायों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की और उन्हें बस्तर में हुए घटनाक्रम के बारे में बताया. सीएम ने कहा कि छत्तीसगढ़ में कोई कानून के ऊपर नहीं है.bastar Conversion issue in chhattisgarh

all tribal society General meeting in Edka
नारायणपुर के एड़का में सर्व आदिवासी समाज की महासभा

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Published : Dec 24, 2022, 11:54 AM IST

Updated : Dec 24, 2022, 1:52 PM IST

नारायणपुर के एड़का में सर्व आदिवासी समाज की महासभा

नारायणपुर: जिले के एड़का में सर्व आदिवासी समाज की तरफ से महासभा का आयोजन किया गया. ये महासभा जिले के अलग अलग गांवों में अवैध रूप से चर्च का निर्माण और पास्टर के द्वारा मिशनरी गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए की गई. महासभा में तीन जिले नारायणपुर कोंडागांव और कांकेर के हजारों सर्व आदिवासी समाज के लोग शामिल हुए. सभा के बाद एसडीएम को कलेक्टर एसपी और थाना प्रभारी एड़का के नाम ज्ञापन दिया गया. Conversion issue in chhattisgarh वहीं दिल्ली दौरे के दौरान सीएम भूपेश बघेल भी धर्मांतरण को लेकर गंभीर दिखे. उन्होंने दिल्ली में ईसाई समुदाय के प्रतिनिधियों से मुलाकात की. ट्वीट कर उन्होंने इसकी जानकारी दी. ट्वीट में उन्होंने लिखा " बस्तर में हुए घटनाक्रम और शासन की ओर से की गई कार्रवाई से मैंने उन्हें अवगत करवाया. छत्तीसगढ़ में कोई कानून से ऊपर नहीं है. समाज में वैमन्यस्यता फैलाने वाले किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा."bastar Conversion issue in chhattisgarh

अवैध चर्चों पर कार्रवाई की मांग : सर्व आदिवासी समाज कीमहासभा में पूर्व विधायक अंतागढ़ और जनजाति सुरक्षा मंच प्रांत संयोजक भोजराज नाग मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए. इसके अलावा क्षेत्र के समाज प्रमुख गायता, मांझी, पुजारी पटेल और बड़ी संख्या में समाज की महिलाएं और पुरुष शामिल हुए. सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने बताया कि ''पिछले कुछ सालों से लगातार जिले व एड़का थाना क्षेत्र के विभिन्न गांवों में मिशनरी गतिविधि के चलते शांतिप्रिय क्षेत्र अशांत हो गया है. सदियों से चली आ रही आस्था, परंपरा और सांस्कृतिक विरासत को छिन्न भिन्न करने की कोशिश की जा रही है. जिसके चलते हमारे समाज और परिवार में विवाद और टकराव बढ़ता जा रहा है."all tribal society General meeting in Edka

"आदिवासी अंचल में ईसाई मिशनरियों की तरफ से प्रार्थना सभा के नाम पर अवैध रूप से चर्चों का निर्माण किया गया है. चर्चों में सभी इकट्ठा होते हैं और हमारे देवी देवता, आस्था, परंपरा का मजाक उड़ाया जाता है. इसलिए शासन और प्रशासन से हमारी मांग है कि अवैध रूप से बने चर्चों की जांच कर कानूनी कार्रवाई की जाए. गांव गांव में पास्टर और पादरी घूम घूम कर हमारे भोले भाले लोगों को कई प्रकार का प्रलोभन देकर मतांतरण कर हमारी ग्राम व्यवस्था आस्था परंपरा से अलग कर रहे हैं. ऐसे पास्टर और पादरियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए."all tribal society General meeting in Narayanpur

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शीतला माता मंदिर में पूजा अर्चना:एड़का बाजार स्थल में सभा के बाद सर्व आदिवासी समाज ने रैली निकाली. रैली में शामिल हजारों आदिवासियों ने गांव के शीतला माता मंदिर में दीप प्रज्ज्वलित कर पूजा अर्चना की. शीतला माता से आशीर्वाद मांगा. नारायणपुर तहसील प्रभारी सुमीत बघेल को कलेक्टर, एसपी और थाना प्रभारी एड़का के नाम क्षेत्र में अवैध रूप से बने चर्चों का संज्ञान लेकर पास्टर पादरियों पर कानूनी कार्रवाई करने के लिए ज्ञापन सौंपा.

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जनजाति सुरक्षा मंच प्रांत संयोजक भोजराज नाग ने कहा "आदिवासी शीतला माता मंदिर में जाता है. गांव की देवी देवता को मानता है. उसे गांव में रहने का अधिकार है, ईसाई को नहीं. अगर प्रार्थना होगी तो शीतला माता की होगी, ग्राम देवता की होगी. आजादी दिलाने के लिए पहले शहीद गुंडाधुर, शहीद वीर नारायण सिंह जैसे आदिवासी योद्धा ने अंग्रेजों से लड़ाई लड़ी. अब हम ईसाइयों से लड़ेंगे. समाज के रीति रिवाजों को तोड़ने वालों से डरेंगे नहीं. पुलिस की कार्रवाई से डरने वाले नहीं हैं. हम थाने जेल से डरने वाले नहीं हैं. बंदूक से डरने वाले नहीं हैं. हम लड़ाई लड़ेंगे और जीतेंगे. आदिवासी समाज रीति रिवाज के अनुसार चलने वाला समाज है. हमारे रीति रिवाजों, हमारी परंपरा को यदि कोई छेड़ेगा तो हम उसे छोड़ेंगे नहीं. धर्मांतरित परिवार अगर मूल धर्म में वापसी करता है तो हम उसका स्वागत करते हैं. अगर ईसाई धर्म में कोई विधिवत रूप से जाता है तो उसका भी हम स्वागत करते हैं. आदिवासियों को मिलने वाला आरक्षण ईसाई धर्मान्तरित को मिल रहा है. उसे नहीं मिलना चाहिए. इसको लेकर आने वाले दिनों में नारायणपुर जिले से लेकर रायपुर तक की पदयात्रा निकाली जाएगी और राज्यपाल व प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा जाएगा."

Last Updated : Dec 24, 2022, 1:52 PM IST

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