नारायणपुर: आदिवासियों के हक की बात करने वाले नक्सलियों ने आदिवासियों की जिंदगी कैसे नरक कर दी है, ये लोग इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं. अबूझमाड़ में रहने वाले 10 लोग नक्सलियों से अपनी जान बचाने के लिए सबकुछ छोड़कर शहर भाग आए हैं. ये दर-दर भटक रहे हैं, न खाने को रोटी है और न दो मिनट का सुकून.
अबूझमाड़ के पांच परिवारों को जान से मारने के लिए नक्सलियों ने तैयारी कर रखी थी, जिसमें गर्भवती महिला सहित तीन बच्चे और 10 लोग हैं. इनकी गलती भी जान लीजिए, इनकी गलती ये है कि पहले पुलिस ने इन्हें नक्सली होने के शक में पकड़ लिया और 6 महीने तक रखा अब नक्सली इन्हें पुलिस का मुखबिर समझ रहे हैं. 6 महीने बाद जब ये गांव पहुंचे तो ग्रामीणों से पता चला कि नक्सलियों ने इन्हें मारने की प्लानिंग कर रखी है.
नक्सलियों से जान बचाकर आए
ये जानकारी मिलते ही ये बेचारे अपने गांव से पैदल नक्सलियों से जान बचाकर नारायणपुर मुख्यालय पहुंच गए. घर छोड़ते समय जो हाथ में सामान पकड़ पाए उसको ही लेकर निकल गए. बाकी घर में बचा सामान जैसे पालतू जानवर, फसल सब छोड़कर आए हैं.
नक्सलियों ने जारी किया था फरमान
नक्सलियों ने इन परिवार को जान से मारने के लिए गांव में फरमान जारी किया है, जिसको सुनकर गांव वाले भाग आए हैं. 6 महीने पहले पुलिस ने सर्चिंग के दौरान पूछताछ के लिए 4 लोगों को थाने लाया था और पूछताछ के बाद छोड़ दिया.