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पहले पुलिस ने नक्सली समझा फिर नक्सलियों ने मुखबिर, जान बचाने को दर-दर भटक रहे हैं ये लोग

अबूझमाड़ में रहने वाले 10 लोग नक्सलियों से अपनी जान बचाने के लिए सबकुछ छोड़कर शहर भाग आए हैं. ये दर-दर भटक रहे हैं, न खाने को रोटी है और न दो मिनट का सुकून.

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Published : Apr 26, 2019, 3:21 PM IST

Updated : Apr 26, 2019, 9:54 PM IST

लोगों ने नक्सलियों से अपनी जान बचा कर भागे

नारायणपुर: आदिवासियों के हक की बात करने वाले नक्सलियों ने आदिवासियों की जिंदगी कैसे नरक कर दी है, ये लोग इसका सबसे बड़ा उदाहरण हैं. अबूझमाड़ में रहने वाले 10 लोग नक्सलियों से अपनी जान बचाने के लिए सबकुछ छोड़कर शहर भाग आए हैं. ये दर-दर भटक रहे हैं, न खाने को रोटी है और न दो मिनट का सुकून.

पैकेज

अबूझमाड़ के पांच परिवारों को जान से मारने के लिए नक्सलियों ने तैयारी कर रखी थी, जिसमें गर्भवती महिला सहित तीन बच्चे और 10 लोग हैं. इनकी गलती भी जान लीजिए, इनकी गलती ये है कि पहले पुलिस ने इन्हें नक्सली होने के शक में पकड़ लिया और 6 महीने तक रखा अब नक्सली इन्हें पुलिस का मुखबिर समझ रहे हैं. 6 महीने बाद जब ये गांव पहुंचे तो ग्रामीणों से पता चला कि नक्सलियों ने इन्हें मारने की प्लानिंग कर रखी है.

नक्सलियों से जान बचाकर आए

ये जानकारी मिलते ही ये बेचारे अपने गांव से पैदल नक्सलियों से जान बचाकर नारायणपुर मुख्यालय पहुंच गए. घर छोड़ते समय जो हाथ में सामान पकड़ पाए उसको ही लेकर निकल गए. बाकी घर में बचा सामान जैसे पालतू जानवर, फसल सब छोड़कर आए हैं.

नक्सलियों ने जारी किया था फरमान

नक्सलियों ने इन परिवार को जान से मारने के लिए गांव में फरमान जारी किया है, जिसको सुनकर गांव वाले भाग आए हैं. 6 महीने पहले पुलिस ने सर्चिंग के दौरान पूछताछ के लिए 4 लोगों को थाने लाया था और पूछताछ के बाद छोड़ दिया.

गांव से अपना परिवार लेकर आए

जिसके बाद नक्सलियों ने इन चार लोगों को पुलिस का मुखबिर समझा और जनअदालत लगाकर इन्हें जान से मारने का फरमान जारी किया. उसी दौरान गांव के कुछ लोगों ने इन्हें जानकारी दी कि नक्सली इनकी हत्या करने वाले हैं, जिसके बाद ये सभी अपना परिवार लेकर वहां से शहर आ गए.

खाने के लिए भटक रहे परिवार

गांव से भागकर आए हुए लोगों को अब नारायणपुर शहर में रहने और खाने की बड़ी समस्या हो रही है. न तो इनके पास रहने के लिए छत है नहीं खाने के लिए अनाज. स्थिति इतनी गंभीर है कि लोग यहां पर मांग कर खाने के लिए मजबूर हैं. साथ में छोटे-छोटे बच्चे और गर्भवती महिला हैं, ऐसे में ये जाएं तो जाएं कहां.

एसपी ने दिया आश्वासन

नारायणपुर एसपी मोहित गर्ग ने बताया कि नक्सली ग्रामीणों को मुखबिरी की शक में जान से मारने की तैयारी में थे, इसी डर से ये भाग कर यहां आए हैं. एसपी ने आश्वासन दिया कि इनके रुकने और खाने का इंतजाम किया जाएगा. साथ ही इन्हें सरकारी योजनाओं का फायदा दिलाने की बात कही है.

Last Updated : Apr 26, 2019, 9:54 PM IST

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