मुंगेली :जांजगीर के राहुल साहू घटना से अब भी कई लोगों ने सबक नहीं लिया है. आज भी कई मासूम अपनी जान जोखिम में डाल रहे (Playing with the lives of children in Lormi of Mungeli) हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है मुंगेली में. यहां बच्चे जान हथेली में रखकर सड़क पार करते हैं. बच्चे ऐसा इसलिए करते हैं, क्योंकि उन्हें इस खतरे को पार करके अपना जीवन सुधारना है. इस खतरे के पार एक आंगनबाड़ी है, जहां बच्चे अपना भविष्य संवारते हैं.
एक तरफ कुआं, दूसरी तरफ खाई..लोरमी में ऐसे करते हैं बच्चे पढ़ाई
मुंगेली के लोरमी में बच्चे जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने जा रहे (Playing with the lives of children in Lormi of Mungeli) हैं. प्रशासन को जानकारी देने के बाद भी किसी के कान में जूं तक नहीं रेंगी है.
कहां का है मामला :लोरमी नगर पंचायत क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 10 मजगांव के महावीर वार्ड की खस्ताहाल सड़क मासूमों की जिंदगी से खेल रहा (no approach road in Lormi Anganwadi) है. कुछ वर्ष पहले लोरमी नगर पंचायत के इस वार्ड में लाखों रुपये खर्च कर आंगनबाड़ी केंद्र बनवाया गया. लेकिन केंद्र तक पहुंचने के लिए एप्रोच रोड अब तक नहीं बनाया गया. जिस मार्ग से होकर आंगनबाड़ी केंद्र तक मासूम बच्चे जाते हैं वहां हर वक्त खतरा बना रहता है. सड़क पर बरसात में पानी भरने से जहां मिट्टी से फिसलकर बच्चे गिरते हैं. वहीं सड़क से बिल्कुल सटा हुआ कोतरी नाला है जो कि बरसात के दिनों में उफनता रहता है. ऐसे में बच्चों की जान पर हमेशा खतरा मंडराते रहता है.
बच्चों के पालकों को है डर :आंगनबाड़ी केंद्र तक रास्ता नही होनें से जहां कई बच्चों के परिजन अपनें बच्चों को पढ़ने तक नही भेजते हैं. वहीं जो बच्चे जाते है वो जान जोखिम में डालकर इसी तरह गिरते पड़ते पहुंचते हैं. ऐसा नही है कि वार्डवासी से लेकर पार्षद तक प्रशासन से गुहार नही लगाए ( situation of chaos in the Anganwadi of Lormi) हैं. कई बार नगर पंचायत प्रशासन से गुहार लगानें के बाद भी आज तक इस ओर ध्यान नही दिया गया है. जिसके कारण समस्या जस की तस बनी हुई है.
वार्ड के पार्षद ने लगाए गंभीर आरोप :वार्ड के पार्षद घनेंद्र राजपूत का कहना है कि ''यहां पर 4 वर्ष पूर्व आंगनबाड़ी केंद्र बनाया गया था. ताकि बच्चे पढ़ सकें. लेकिन आंगनबाड़ी तक पहुंचने के लिए एप्रोच रोड नहीं बना.जबकि जिस कच्ची और दलदली सड़क से बच्चे आते हैं उसके ठीक बगल में एक नाला है. जो बारिश के दिनों में उफनता है. बच्चे कभी भी नाले में गिर सकते हैं. नगर पंचायत सिर्फ विकास का दावा करता है. मैं पार्षद बनने के बाद दो साल में तीन से चार बार आवेदन दे चुका .लेकिन नगर पंचायत सड़क तो दूर समतलीकरण के लिए एक गाड़ी मुरुम तक नही डलवा रही है.''
कौन है जिम्मेदार :पूरे मामले पर जब नगर पंचायत सीएमओ से बात करनें की कोशिश की गई तो वो बात करने को तैयार नहीं हुई. वहीं इस मामले पर लोरमी एसडीएम मेनका प्रधान जल्द ही सड़क बनवाने का आश्वासन देते हुए नजर आ रही हैं. बहरहाल देखना होगा कि इन नौनिहालों की जिंदगी के साथ हो रहे खिलवाड़ के बाद आखिर कब तक प्रशासन जागता है. लेकिन यदि जल्द ही इस ओऱ ध्यान नही दिया गया तो किसी भी दिन कोई बड़ा हादसा देखने को मिल सकता है.