नक्सलियों के बढ़ते दबाव का असर, मुंगेली SRE जिलों की लिस्ट में शामिल
मुंगेली को एसआरई यानी सिक्योरिटी रिलेटेड एक्सपेंडेचर (Security Related Expenditure) जिले की सूची में शामिल कर लिया गया है. यह कदम नक्सल गतिविधियों और जिले की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है.
SRE जिलों की लिस्ट में शामिल मुंगेली
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Published : Jul 9, 2021, 5:22 PM IST
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Updated : Jul 9, 2021, 6:26 PM IST
मुंगेली: प्रदेश में नक्सलियों (Naxalites) का फैलाव लगातार बढ़ रहा है. इसके मद्देनजर मुंगेली जिले को भी एसआरई यानी सिक्योरिटी रिलेटेड एक्सपेंडेचर (Security Related Expenditure) जिले की सूची में शामिल कर लिया गया है. साथ ही पहले इस सूची में शामिल बालोद जिले को इससे बाहर कर दिया गया है. पीएचक्यू (PHQ) से इस संबंध में पत्र जारी किया गया है.
आदेश की कॉपी
जिले की सीमा कवर्धा और मध्यप्रदेश के डिंडौरी जिलों से लगती है. जिले का लोरमी इलाका घने जंगल वाला है. कई बार यहां के जंगलों में नक्सलियों के आने की सूचना मिली है. लेकिन अब तक इस जिले में कोई वारदात या किसी तरह की नक्सली बैठक या कैंप की बात सामने नहीं आई है, लेकिन जिस तरह इसके पड़ोसी जिलों में नक्सलियों ने तेजी से अपनी पैठ जमानी शुरू की है उसी के मद्देनजर इसे एसआरई यानि सिक्योरिटी रिलेटेड एक्सपेंडेचर (Security Related Expenditure) वाले जिलों की सूची में शामिल किया है.
सुरक्षा संबंधी व्यय योजना एक प्रतिपूरक योजना होने के कारण, इस पर होने वाला व्यय पहले राज्य सरकार द्वारा किया जाता है और फिर बाद में इसे केन्द्र सरकार द्वारा प्रतिपूर्ति की जाती है. इस योजना के तहत वार्षिक कार्ययोजना राज्य सरकार द्वारा बनाई जाती है फिर राज्य सरकार से प्राप्त प्रस्ताव के आधार पर केन्द्रीय गृह मंत्रालय (Union Home Ministry) द्वारा वित्तिय सहायता जारी की जाती है.
इस बदलाव के क्या मायने हैं ?
सिक्योरिटी रिलेटेड एक्सपेंडेचर (Security Related Expenditure) जिलों के संबंध में समय समय पर रिव्यू होते रहते हैं. इस बार रिव्यू में बालोद जिले को लिस्ट से बाहर किया गया है, और मुंगेली जिले को शामिल किया गया है. भौगोलिक स्थिति पर नजर डालें तो बालोद जिला हार्डकोर नक्सल प्रभावित जिला कांकेर और राजनांदगांव से सटा है. साथ ही घने जंगल वाले क्षेत्र भी है. दल्लीराजहरा का माइनिंग क्षेत्र भी संवेदनशील माना जाता रहा है. ऐसे में इस जिले का इस लिस्ट से बाहर होना ये बताता है कि, उत्तर बस्तर और दक्षिण राजनांदगांव में नक्सलियों का दबाव कम हो रहा है तभी तो बालोद को इस लिस्ट से अब बाहर किया गया है.
मुंगेली का इस लिस्ट में शामिल होना ये संदेश दे रहा है कि नक्सलियों ने अपनी पैठ कबीरधाम के साथ ही मध्य प्रदेश के सीमावर्ती इलाकों में बना ली है या तेजी से वे इस दिशा में बढ़ रहे हैं.
हाल ही में खुड़िया चौकी को लेकर हुआ विवाद
एक तरफ मुंगेली जिला नक्सली मद्देनजर से संवेदनशील होता जा रहा है. एसआरई जिलों की लिस्ट में शामिल हो रहा है. दूसरी तरफ पीएसक्यू से आए एक आदेश पर लोग हैरान हो गए हैं. कुछ दिन पहले पीएचक्यू से एक पत्र जारी हुआ था जिसमें आईजी बिलासपुर के निर्देशित किया गया था कि, खुड़िया स्थित पुलिस चौकी को बंद कर दिया जाए. इसको लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी सवाल उठाए थे और लोगों ने भी आशंका जताई थी कहीं इस इलाके में भी लाल आतंक अपना पैर न पसार ले.
एसआरई लिस्ट में शामिलछत्तीसगढ़ के जिले
वामपंथी उग्रवाद रोधी अभियानों (Anti Left Wing Extremism Campaign) में सुरक्षा संबंधी व्यय के प्रतिपूर्ति के प्रयोजन के लिए सुरक्षा संबंधी व्यय स्कीम के तहत 14 जिले शामिल हैं इनमें - बलरामपुर, बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा,कांकेर, सुकमा, नारायणपुर, कोंडागांव, धमतरी, गरियाबंद, राजनांदगांव, महासमुंद, कबीरधाम, मुंगेली शामिल हैं.