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Published : Aug 21, 2019, 6:01 PM IST

Updated : Aug 21, 2019, 8:13 PM IST

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'नदिया किनारे, किसके सहारे' से जुड़े सांसद अरुण साव, किया पौधरोपण

बिलासपुर सांसद अरुण साव ETV भारत की मुहिम 'नदिया किनारे किसके सहारे' की जमकर प्रशंसा की. वहीं लोरमी के पूर्व विधायक तोखन साहू और समाज सेवियों ने मुहिम से जुड़ कर पौधरोपण किया.

सांसद अरुण साव ने किया पौधरोपण

मुंगेली: ETV भारत की मुहिम 'नदिया किनारे, किसके सहारे' को लगातार समर्थन मिल रहा है. बिलासपुर सांसद अरुण साव ETV भारत की मुहिम 'नदिया किनारे किसके सहारे' की जमकर प्रशंसा की. बिलासपुर सांसद अरुण साव जल संरक्षण की दिशा में ETV भारत के इस कैंपेन को समर्थन देते हुए मनियारी नदी के किनारे पौधरोपण भी किया.

पूर्व विधायक और युवा वर्ग भी जुड़े मुहिम से
ETV भारत की मुहिम से लोरमी के पूर्व विधायक तोखन साहू भी जुड़े और उन्होंने भी पौधरोपण किया. वहीं मनियारी नदी के तट पर बड़ी संख्या में युवा और स्थानीय लोग जुटे और मुहिम को समर्थन किया.

'नदिया किनारे, किसके सहारे' से जुड़े सांसद अरुण साव

ये है मनियारी नदी का हाल-

  • मुंगेली जिले के लोरमी इलाके से गुजरने वाली मनियारी नदी का संरक्षण बेहद जरूरी है. इस नदी में नालियों के जरिये मिल रहे अपशिष्ट पदार्थों से नदी गंदगी से पटी पड़ी है. वहीं गलत जगह एनीकट निर्माण से इसके अस्तित्व पर ही खतरा मंडराने लगा है.
  • लोरमी की जीवनदायिनी माने जाने वाली मनियारी नदी का उद्गम लोरमी के पठार में स्थित सिहावल नाम के जगह से हुई है. मनियारी नदी की सहायक नदियां आगर, टेसुआ और गेंगुआ है. वहीं मनियारी नदी छत्तीसगढ़ राज्य के शिवनाथ नदी की सहायक नदी है. यह नदी बिलासपुर जिले के ताला गांव के निकट शिवनाथ नदी में मिलती है.
  • मनियारी नदी की कुल लंबाई लगभग 134 किलोमीटर है. इस नदी पर मुंगेली जिले का सबसे बड़ा बांध राजीव गांधी जलाशय (खुड़िया बांध) स्थित है. जिससे मुंगेली और बिलासपुर जिले के लगभग 42 हजार 510 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई की जाती है.

दोहन से मंडरा रहा खतरा
मनियारी नदी का दोहन बीते 15 से 20 वर्षों में लगातार धड़ल्ले से जारी है. जिसके चलते इसके अस्तित्व पर ही खतरा मंडराने लगा है. कभी साल भर कल-कल करते बहती यह नदी अब साल के 9 महीने सूखी हुई नजर आती है. नदी से जगह-जगह अवैध रेत उत्खनन के अलावा नदी किनारे अतिक्रमण और नदी के जरिए पानी का दोहन कर अवैध ईंट भट्टों का संचालन किया जा रहा है. जिसके चलते मनियारी नदी साल के 9 महीने किसी बड़े नाले की शक्ल में नजर आती है.

अधिकारी भी नहीं दे रहे ध्यान

  • लोरमी इलाके के जीवनदायिनी माने जाने वाली मनियारी नदी के अस्तित्व पर मंडराते खतरे के लिए जल संसाधन विभाग के अफसर भी कम जिम्मेदार नहीं हैं.
  • मनियारी नदी में जगह-जगह पानी को रोकने के नाम पर एनीकट तो निर्माण करा दिए गए लेकिन स्थल चयन को लेकर बरती जाने वाली सावधानियों का ख्याल नहीं रखा गया. लिहाजा लोरमी नगर पंचायत क्षेत्र में करोड़ों रुपए की लागत से गलत स्थल चयन कर बनाया गया एनीकट आज मनियारी नदी की दुर्दशा का प्रमुख कारण बन गया है.
  • जिस जगह पर एनीकट का निर्माण कराया गया है उसके ठीक ऊपर पूरे शहर की गंदी नालियों का पानी आकर मनियारी नदी में प्रवाहित होता है ऐसे में दूषित जल मनियारी नदी में मिलकर एनीकट में रुक जाता है. जिसके चलते पूरे नगर क्षेत्र में मनियारी नदी का जल दूषित हो जाता है. इस गंदे पानी का इस्तेमाल न तो लोक कर पाते हैं और न ही जानवर.
Last Updated : Aug 21, 2019, 8:13 PM IST

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