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राजनीतिक दबाव और दुर्भावना में जोगी परिवार को नहीं दिया जा रहा चुनाव लड़ने: अमित जोगी

ऋचा जोगी का जाति प्रमाण पत्र निलंबित कर दिया गया है. ADM राजेश नशीने ने बताया कि ऋचा रुपाली साधू से जाति प्रमाण पत्र के संबंध में अभिलेख और जवाब मांगा गया था. उनका प्रस्तुत जवाब समिति को संतुष्ट नहीं करता है. इसलिए ऋचा रुपाली साधू का जाति प्रमाण पत्र निलंबित किया गया है.

Amit jogi
अमित जोगी

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Published : Oct 15, 2020, 11:29 PM IST

मुंगेली: ऋचा जोगी का जाति प्रमाण पत्र निलंबित कर दिया गया है. जिला जाति सत्यापन समिति ने ऋचा जोगी के द्वारा अभी तक पेश किए गए दस्तावेज की समीक्षा के बाद जाति प्रमाणपत्र को निलंबित कर दिया है. ऋचा जोगी के भाई ऋषभ साधू ने समिति के सामने पेश होकर पक्ष रखा था. जिला जाति सत्यापन समिति ने पूरे प्रकरण को राज्य स्तरीय जाति छानबीन समिति को भेजा है.

ऋचा जोगी का जाति प्रमाण पत्र निलंबित

जिला स्तरीय छानबीन समिति की ओर से ADM राजेश नशीने ने बताया कि ऋचा रुपाली साधू से जाति प्रमाण पत्र के संबंध में अभिलेख और जवाब मांगा गया था. उनका प्रस्तुत जवाब समिति को संतुष्ट नहीं करता है. इसलिए ऋचा रुपाली साधू का जाति प्रमाण पत्र निलंबित किया गया है. बता दें कि राज्य सरकार ने जाति प्रमाण पत्र के छानबीन के लिए जिला स्तर पर समिति का गठन किया था. जिसके पास जाति प्रमाणपत्र को निरस्त करने का नहीं, निलंबित करने का अधिकार है.

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मुंगेली जिला प्रशासन की इस जाति प्रमाण पत्र छानबीन समिति ने फैसला मीडिया के सामने सार्वजनिक किया है. इस बात के संकेत थे कि जिला स्तरीय छानबीन समिति ऋचा रुपाली साधू का जाति प्रमाण पत्र निलंबित करेगी और अभिलेखों को सौंपने के लिए जो अतिरिक्त समय मांगा गया है, वह नहीं दिया जाएगा. ऋचा जोगी का जाति प्रमाण पत्र जिला स्तरीय छानबीन समिति से निलंबित होने के बाद अब मामला राज्य की उच्चस्तरीय छानबीन के पास जाएगा. जहां पर राज्य स्तरीय समिति इस मामले पर आगे का फैसला लेगी.

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इधर, अमित और ऋचा जोगी के अधिवक्ताओं ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखा है. जिसमें कहा गया है कि कोर्ट का फैसले आने तक निर्वाचन अधिकारी को राजनीतिक दबाव में आकर उनका जाति प्रमाण पत्र निरस्त नहीं करने के स्पष्ट निर्देश दिया जाए.

अमित जोगी ने राज्य सरकार पर लगाए आरोप

सरकार नहीं चाहती है जोगी परिवार चुनाव लड़े

अमित जोगी ने ऋचा जोगी के प्रमाण पत्र निलंबित होने पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, राजनीतिक दबाव और दुर्भावना में केवल प्रमाण पत्र को निलंबित किया गया है, क्योंकि वे दिवंगत अजीत जोगी और रेणु जोगी की बहु हैं. सरकार किसी भी सूरत में जोगी परिवार को चुनाव लड़ने से रोकना चाहती है.

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निर्वाचन अधिकारी के पास कोई दूसरा वैधानिक विकल्प नहीं

अमित जोगी ने कहा कि 24 सितंबर 2020 को छत्तीसगढ़ शासन द्वारा छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग अधिनियम 2013 में नियम विरुद्ध किए गए संशोधन के परिपालन में मुंगेली जिला जाति सत्यापन समिति को केवल ऋचा जोगी का जाति प्रमाण पत्र निलंबित करने का अधिकार है और जबतक उनका प्रमाण पत्र पूर्ण रूप से निरस्त नहीं किया जाता है, उनके नामांकन पत्र को स्वीकार करने के अलावा निर्वाचन अधिकारी के पास कोई दूसरा वैधानिक विकल्प नहीं है. अमित जोगी ने कहा कि इस संबंध में वे पहले से ही उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर चुके हैं और इसकी सूचना मुख्य निर्वाचन आयुक्त को भी दे चुके हैं.

प्रमाण पत्र का नहीं हो सकेगा उपयोग

जाति प्रमाण पत्र को लेकर आए फैसले को लेकर जानकार बता रहे हैं कि निलंबन अवधि में ऋचा जोगी प्रमाण पत्र का उपयोग नही कर सकेंगी. मरवाही उपचुनाव को लेकर ऋचा जोगी के नाम से नामांकन फार्म लिया गया है. ऐसे में कयास लगाए जा रहे थे कि ऋचा जोगी इस सीट से जेसीसी(जे) की उम्मीदवार हो सकती है. ऐसे में जाति को लेकर आए फैसले के बाद अब मामला फंसता नजर आ रहा है.

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