मुंगेली:राखी का त्योहार हो और रंग-बिरंगी राखियों के बारे में बात न हो ऐसा हो ही नहीं सकता. भले ही आज के दौर में महंगी राखियों ने बाजार पर अपना कब्जा जमा रखा हो, लेकिन एक ऐसी पारंपरिक राखी भी है. जो आज भी अपनी अहमियत बनाए हुए है.
राखी का त्योहार रक्षाबंधन पर बाजार पूरी तरह से गुलजार नजर आ रहा है. दुकानों में एक से बढ़कर एक राखियां देखने को मिल रही हैं, लेकिन इन सबके बीच एक ऐसी राखी भी है, जो सैकड़ों वर्षों की परंपरा को अपने रंग समेटे हुए है. पटवा समाज के लोगों द्वारा बनाई जाने वाली यह राखी पटवा राखी के नाम से मशहूर है. महंगी राखियों के बीच भी इसके खरीदारों की कोई कमी नहीं है. इस राखी को कोसा के धागे पर कपास के रुई को पिरोकर बनाया जाता है. इसकी लोकप्रियता और मांग को देखते हुए पटवा समाज के लोग महीनों पहले से इस राखी की तैयारियों में जुट जाते हैं.