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किसानों का धान कम खरीदना पड़े, इसलिए प्रदेश सरकार बारदानों की कमी का बहाना बना रही- अरुण साव

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Published : Nov 19, 2020, 2:50 PM IST

छत्तीसगढ़ में आगामी 1 दिसंबर से धान की खरीदी शुरु होने वाली है. लेकिन धान खरीदी के पहले बारदानों को लेकर प्रदेश की सियासत गरमाई हुई है. बारदानों को लेकर प्रदेश और केंद्र सरकार एक दूसरे के आमने-सामने आ गये हैं. इसी मामले को लेकर बिलासपुर सांसद अरुण साव ने राज्य सरकार पर निशाना साधा है.

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अरुण साव, सांसद, बिलासपुर

मुंगेली:प्रदेश में 1 दिसंबर से धान की खरीदी शुरुआत होने जा रही है. लेकिन उसके पहले धान खरीदी को लेकर आरोप-प्रत्यारोप के दौर शुरू हो गए हैं. बिलासपुर सांसद अरुण साव ने प्रदेश सरकार पर धान खरीदी के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. बारदानों को लेकर प्रदेश और केंद्र सरकार एक दूसरे के आमने-सामने आ गए हैं. इसी मामले को लेकर बिलासपुर सांसद अरुण साव ने भी छत्तीसगढ़ सरकार पर निशाना साधा है.

किसानों का कम धान खरीदना पड़े इसलिए प्रदेश सरकार बारदानों की कमी का बहाना बना रही

लोरमी पहुंचे अरुण साव नें प्रदेश सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस दिन से प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी है, अपनी हर विफलता का दोष दूसरों पर डाल रही है. सांसद अरुण साव ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार को मालूम था कि धान कितना खरीदना है तो उसकी तैयारी राज्य सरकार को पहले से कर लेनी थी. सांसद साव ने आरोप लगाते हुए कहा कि किसानों का कम से कम धान खरीदना पड़े, इसलिए सरकार बारदानों की कमी का बहाना बना रही है.

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90 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी

प्रदेश सरकार इस साल 90 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी करने वाली है. इसके लिए भारी संख्या में बारदानों की जरुरत होगी. वहीं केंद्र से बारदानें नहीं मिलने के कारण प्रदेश सरकार धान खरीदी में देरी की बात कह रही है.

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