मुंगेली: जिले में स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं का क्या हाल है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि लगभग 7 लाख से ऊपर की आबादी वाले इस जिले के अस्पतालों में एंटी रेबीज इंजेक्शन तक उपलब्ध नहीं है. जिले के मुंगेली, पथरिया और लोरमी इलाके में लगातार कुत्ते के काटने के शिकार हुए मरीज अस्पताल में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं.
इन मरीजों को इलाज के बदले सिर्फ मायूसी ही हाथ लग रही है. इसकी वजह है कि जिले के किसी भी सरकारी अस्पताल में कुत्ता काटने से बचाव के लिए लगाया जाने वाला एंटी रेबीज इंजेक्शन उपलब्ध नहीं है. ऐसे में मरीजों को ऊंचे दामों पर ये इंजेक्शन बाजार में खरीदने को विवश होना पड़ रहा है.
4 डोज की जरूरत
कुत्ता काटने से होने वाली बीमारी से बचाव के लिए जिस इंजेक्शन का उपयोग किया जाता है उसे एंटी रेबीज इंजेक्शन कहते हैं. कुत्ते के काटने के बाद इस इंजेक्शन के 4 डोज मरीज को लगाए जाते हैं. चिकित्सकों की मानें, तो मरीज के जान के बचाव के लिए इंजेक्शन के चार डोज को लगाया जाना बेहद ही आवश्यक है. मार्केट में इस एक इंजेक्शन की कीमत लगभग 600 रुपए है. ऐसे में 4 इंजेक्शन के बदले मरीजों को लगभग 2400 रुपए की कीमत चुकानी पड़ती है.