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मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर का सबसे अमीर दानदाता, दान की राशि सुनकर हो जाएंगे हैरान

MCB News मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के एक बुजुर्ग ने अपनी जिंदगी की पूरी कमाई दान में दे दी हैं.

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एमसीबी न्यूज

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 16, 2023, 2:27 PM IST

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मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: जिसके पास सबकुछ है उसका दान करना कोई बड़ी बात नहीं. लेकिन जो खुद पूरी जिंदगी गरीबी में रहे और उम्र के आखिरी पड़ाव में मिली जमा पूंजी को भी दान करे दें तो समझ ले वो असली दानदाता हैं. एमसीबी में एक ऐसे ही दानदाता है जिन्होंने 6 लाख रुपये लोगों की सेवा के लिए दान कर दिए.

दिल के अमीर हीरालाल ने 6 लाख रुपये दान में दिए: हीरालाल, जो मनेंद्रगढ़ नगर पालिका में प्यून का काम करता था. पूरी जिंदगी उसने अपनी सेवा दी. पत्नी की उम्र साल 2003 में ही हो गई. तीन बेटे हुए. जिनमें से बड़ा बेटा सोहन लाल 35 साल का है. लेकिन पिता से उसने कोई संबंध नहीं रखा. दूसरे बेटे जवाहरलाल की 25 साल की उम्र में मौत हो गई. तीसरा बेटा मोती लाल भी 14 साल की उम्र में खत्म हो गया. हीरालाल अब 75 साल का हो गया है. लेकिन अकेले ही रहता है. खुद ही अपना सब काम करता है. जिंदगी भर की कमाई के रूप में हीरालाल ने 6 लाख रुपये जमा किए. इन पैसों को हीरालाल किसी अच्छे काम में लगाना चाहता था. लिहाजा उसे रेडक्रॉस सोसायटी को दान देने का मन बनाया.

हीरालाल ने 25 हजार रुपये देकर रेडक्रॉस सोसायटी की स्थायी सदस्यता ली और बाकी के बचे 5 लाख 75 हजार रुपये कलेक्टर नरेन्द्र कुमार दुग्गा के जरिए रेडक्रॉस सोसायटी को लोगों की सेवा के लिए दान दिए. हीरालाल के 6 लाख रुपये रेड क्रॉस सोसायटी को देने पर सभी में उनका आभार जताया.

मैं जब मनेन्द्रगढ़ के नगर पालिका में अध्यक्ष हुआ करता था तब हीरालाल मेरा प्यून आ करता था. उस समय से मैं हीरालाल को जानता हूं. हीरालाल ने ऐसा काम किया है, जिसका जितना भी बखान करें वो कम है. -रामानुज अग्रवाल, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष, मनेंद्रगढ़ नगर पालिका

एमसीबी कलेक्टर नरेंद्र कुमार दुग्गा ने बताया कि पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष रामानुज अग्रवाल के सहयोग और मार्गदर्शन में हीरालाल ने बहुत बड़ी राशि रेडक्रास सोसायटी को स्वेच्छा से दान किया है. नया जिला गठन के बाद रेडक्रास सोसायटी बनाया गया है. जिसमें जिले का कोई भी व्यक्ति अपनी यथाशक्ति दान कर सकता है. दान में मिले रुपये महामारी, भूकंप, अकाल, बाढ़ और अन्य आपदाओं के कारण होने वाली पीड़ितों के लिए राहत की व्यवस्था, अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों के लिए उपयोग किया जाता है.

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