मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर : भरतपुर सोनहत विधानसभा क्षेत्र में विकास के कई दावे किए गए.लेकिन चुनाव से पहले जब मीडिया विधानसभा का दौरा कर रही है तो सारी हकीकत सामने आ रही है. सोनहत विकासखंड से सिर्फ 6 किलोमीटर दूर बसे कुछ गांवों तक पहुंचने के लिए मीडिया को भी काफी संघर्ष करना पड़ा.वजह ये थी कि गांव में सड़क नहीं है. भलुवार,रजपुरी और परिहत गांव मेन रोड से 10 किलोमीटर की दूरी पर बसे हैं.इन गांवों तक आने जाने के लिए कच्ची सड़क ही सहारा है.
कच्ची सड़क पर चलने को मजबूर ग्रामीण :अब जरा सोचिए जब धूप खिली है और मौसम साफ है तो गांव में पहुंचना दूभर हो रहा है.ऐसे में बारिश के मौसम में इन गांवों के अंदर रहने वाले शहर या बाजार आना जाना कैसे करते होंगे. इन गांवों में रहने वाले लोगों की माने तो बीमार पड़ने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सोनहत तक आने जाने में पसीने छूट जाते हैं.फिर भी कच्ची सड़क पर गिरते पड़ते ये जान जोखिम में डालकर अस्पताल पहुंचते हैं.
प्रसूता खाट पर जाती है अस्पताल : जाहिर सी बात है जब आम दिनों में गांव तक आने जाने में काफी परेशानी होती है. ऐसे में किसी बीमार या गर्भवती महिला को कैसे अस्पताल पहुंचाया जाता होगा.ग्रामीणों से जब इस बारे में हमने बात की तो गर्भवती महिलाओं को अस्पताल तक ले जाने के लिए खाट का सहारा है.खाट में महिलाओं को लिटाकर अस्पताल तक पहुंचाया जाता है. चुनाव में हमेशा ग्रामीण जनप्रतिनिधियों से पक्की सड़क की मांग करते हैं.लेकिन आज तक ये मांग पूरी नहीं हुई.
भरतपुर सोनहत विधायक पर बड़ा आरोप :ग्रामीणों ने बताया कि 15 साल तक बीजेपी शासन में मांग करते करते थक गए. 2018 विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस प्रत्याशी गुलाब कमरो के सामने इस समस्या को रखा.तब गुलाब कमरो ने कहा था कि उनकी पहली प्राथमिकता गांव तक पक्की सड़क बनाने की होगी.लेकिन गुलाब कमरो ने अपना वादा नहीं निभाया.