Children Cross River In MCB: खड़गवां में उफनती नदी पार कर स्कूल जाने को मजबूर बच्चे, 20 साल से कर रहे पुल बनाने की मांग - नेवरी धार नदी
Children Cross River In MCB हाथों में चप्पल कंधों पर बैग और चेहरे पर खौफ लिए जान जोखिम में डालकर बच्चे नदी पार करने को मजबूर है. केवल इसलिए ताकि बच्चे अपनी पढ़ाई पूरी कर सकें. यह आलम है मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के ग्राम पंचायत बेलबहरा की. जहां नदी पर पुल नहीं होने के चलते बच्चे स्कूल जाने के लिए रोजाना तेज धार नदी को पार करने मजबूर हैं.
मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के ग्राम पंचायत बेलबहरा
महेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर:छत्तीसगढ़ के वनांचल क्षेत्र में आज भी बुनियादी सुविधाओं का आभाव है. प्रदेश के अंदरूनी इलाकों से अक्सर खराब सड़कों या पुल नहीं होने के चलते लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. ऐसा ही एक मामला एमसीबी जिले के खड़गवां विकासखंड के बेलबहरा गांव से सामने आया है. बेलबहरा गांव में बच्चे स्कूल जाने के लिए जान जोखिम में डालकर नदी पार करने को मजबूर हैं.
जान जोखिम में डाल नदी पार करने को मजबूर:जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से करीब 40 किमी की दूरी पर बसे इस गांव में 250 से अधिक ग्रामीण परिवार रहते हैं. ग्राम पंचायत बेलबहरा के इन ग्रामीणों की सुनवाई पिछले 2 दशक से नहीं हो रही है. शिक्षा पाने का अधिकार सभी को है, लेकिन नदी पर पुल नहीं होने की वजह से मीडिल स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे जान जोखिम में डालकर नदी पार करने को मजबूर हैं. कई बार भारी बारिश होने से नदी का जलस्तर बढ़ जाता है. ऐसे में बच्चे स्कूल नहीं जा पाते हैं.
बच्चे नदी पार कर दूसरे गांव जाते हैं पढ़ने: बेलबहरा गांव में स्कूल तो है, वह भी सिर्फ प्राथमिक स्तर का है. माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्तर की पढ़ाई के लिए यहां के बच्चे दूसरे गांवों के स्कूलों पर निर्भर हैं. ऐसे में यहां के बच्चों को पढ़ाई के लिए रोजाना नेवरी धार नदी को पार कर दूसरे गांव जाना पड़ता है. नदी पार करने के बहा ही बच्चे ग्राम पंचायत फुनगा के मीडिल स्कूल में पढ़ाई करने जाते हैं. कई बार देखा गया है कि ऐसे नदी को पार करने के दौरान कभी कभी नदी पार करते वक्त हादसे भी होते हैं.
20 साल से कर रहे पुल बनाने की मांग: बेलबहरा गांव में नेवरी धार नदी पर पुल बनाने का मांग लंबे समय से ग्रामीण करते आ रहे है. इस संबंध में ग्रामीणों ने स्रशासन से गुहार भी लगाई है. फिर भी पिछले 2 दशकों से इन ग्रामीणों की सुनने वाला कोई नहीं है. इस संबंध सावल पूछने पर खड़गवां के बीईओ जितेन्द्र गुप्ता ने इस समस्या के संबंध में जानकारी लेने की बात कही है. उन्होंने इस समस्या से उच्चाधिकारियों को अवगत कराने और इस सुलझाने की बात कही है.