मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर:छतीसगढ़ के भरतपुर सोनहत विधानसभा के शेराडांड गांव में 5 वोटर्स हैं. इन पांच वोटों के लिए निर्वाचन टीम को कई किलोमीटर पैदल और ट्रैक्टर से सफर करना पड़ता है. पांच वोटों के लिए 8 से 10 लोगों की टीम आती है. जिसमें पुलिस जवान भी शामिल रहते हैं. साल 2008 से ही शेराडांड़ मतदान केंद्र में मतदान हो रहा है. खास बात यह भी है कि यहां आदिवासियों के कुल देवता का मंदिर यानी देवगुड़ी में मतदान केंद्र बनाया गया है.
शेराडांड में सिर्फ 5 मतदाता:शेराडांडघने जंगलों के बीच बसा है. यहभरतपुर सोनहत ब्लॉक के चंदहा ग्राम पंचायत का आश्रित गांव है. यहां एक घर में महिपाल राम रहते हैं. वह 60 साल के हैं. इस मतदान केंद्र में दूसरा घर रामप्रसाद चेरवा का है. रामप्रसाद की पत्नी का नाम सिंगारो है. सिंगारो बाई यहां तीसरी बार वोट डालेंगी. उनके चार बच्चे हैं. तीसरा घर दसरु राम का है. वह अपना परिवार लेकर यहां पांच साल पहले जशपुर से आकर बसे. दसरु राम अपनी पत्नी सुमित्रा, एक बेटी और एक बेटे के साथ रहते हैं. इनका एक बेटा बाहर रहकर पढ़ाई करता है. दसरु राम की पत्नी सुमित्रा शेराडांड में पहली बार मतदान करेंगे. इन तीन घरों को मिलाकर शेराडांड़ में कुल 5 मतदाता हैं. इनमें 3 पुरुष और 2 महिला मतदाता है.
2008 से मतदान हो रहा है. 100 प्रतिशत मतदान होता. झोपड़ी में वोटिंग होता था. अब देवगुड़ी में मतदान होगा. 5 लोग वोटर है. चुनाव पूरा कराने 8 से 10 लोग आते हैं.-महिपाल राम, ग्रामीण
छतीसगढ़ का सबसे कम वोटर्स वाला मतदान केंद्र: शेराडांड मतदान केंद्र छतीसगढ़ का सबसे छोटा मतदान केंद्र है. 15 साल पहले यानी छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2008 में यह मतदान केंद्र चर्चा में रहा. दरअसल यहां सिर्फ 2 मतदाताओं के लिए मतदान केंद्र बनाया गया. सबसे दिलचस्प बात यह रही कि मतदान केंद्र के लिए कोई भवन भी नहीं था.
सड़क, पुल पुलिया की मांग:छत्तीसगढ़ के सबसे कम वोटर्स वाले मतदान केंद्र में वोटिंग के लिए प्रशासन भले ही उत्साहित हो लेकिन मतदाता थोड़े नाखुश हैं. वोटर्स का कहना है कि हर साल वोट देते हैं