ब्रिटिश शासन की पहचान हटाने की मांग, मनेंद्रगढ़ तहसील में बनीं है ध्वज की आकृति - Manendragarh Chirmiri Bharatpur
Demand To Remove Identity Of British Rule Flag मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर का तहसील दफ्तर ब्रिटिशकाल की यादें ताजा कर रहा है. इस तहसील दफ्तर में जो रोशनदान बने हैं.वो बिट्रिश ध्वज की याद दिलाते हैं.जिसे अब हटाने की मांग की जा रही है.Manendragarh Chirmiri Bharatpur
मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर :मनेंद्रगढ़ का इतिहास काफी पुराना है.आज भी शहर में ऐसी कई इमारतें हैं जो गुजरे कल की गवाही देती है.आज जहां मनेंद्रगढ़ का तहसील दफ्तर है.उस भवन का निर्माण 1935 में आजादी से पहले ब्रिटिश शासन काल के दौरान हुआ था.बताया जाता है कि इस भवन को ब्रिटिश काल के दौरान कोर्ट के तौर पर इस्तेमाल किया जाता था.इस कोर्ट में जेल भी है जो वर्तमान समय में बंद है. इस बिल्डिंग में अंग्रेजों ने अपने राष्ट्रध्वज को बिल्डिंग के चारों ओर अंकित करवाया था. जो आज भी ब्रिटिश शासन की पहचान बता रहा है.
स्थानीय लोगों में है नाराजगी : वर्तमान में तहसील कार्यालय मनेन्द्रगढ़ का संचालन वर्ष 1935 में बनी बिल्डिंग में हो रहा है. इस भवन में ब्रिटिश शासनकाल के समय कोर्ट हुआ करता था.यहां पर आने वाले ग्रामीण और आमजन अंग्रेजों के राष्ट्रीय ध्वज देखकर खुद को अपमानित महसूस करते हैं.जिसे अब हटाने की मांग की जा रही है.
''हायर सेकेंडरी पास किए हैं 1973 में उससे पहले देख रहे हैं यहां कोर्ट लगता था.तहसीलदार बैठता था, कलेक्टर बैठता था, यह तिरंगा झंडा यह ब्रिटिश जमाने का चिन्ह लगा है इसमें बदलाव होना चाहिए.'' महावीर पंथ, ग्रामीण
''यह तहसील बिल्डिंग है. बहुत पुरानी बिल्डिंग है.अंग्रेजों के समय का यहां झंडे का निशान सब जगह लगा हुआ है. इसको हटाना चाहिए. झंडा देखने में बुरा लगता है.''- विश्वनाथ सिंह कुशवाहा, स्थानीय
चिन्ह नहीं पूरी बिल्डिंग ही ब्रिटिशकालीन :वहीं तहसीलदार की माने तो बिल्डिंग का निर्माण 1935 का बताया गया है. सन 54 -55 के अधिकार अभिलेख और बंदोबस्त अभिलेख में इसका उल्लेख तहसील कार्यालय के रूप में किया गया. इसकी मजबूती अभी भी बरकरार है. चारों तरफ से इसकी ऊंचाई भी सही है. चारों तरफ से इसकी जो संरचना है वह न्यायालय का आभाष कराती है. सामने सुंदर रोशनदान भी बनाए गए हैं. ब्रिटिश प्रतीक से मिलता जुलता चिन्ह राज्य में दिखना उचित नहीं है.