महासमुंद: भाई-बहन के प्रेम का पर्व रक्षा बंधन हर साल हर्षो-उल्लास के साथ सावन पूर्णिमा को मनाया जाता है, लेकिन कोरोना ने इस साल भाई-बहन के प्रेम पर मानो ग्रहण लगा दिया है. हालांकि, कुछ बहनों ने इससे लड़ने के लिए भी तैयारी कर ली है, कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते बिहान समूह की बहनों ने रंग-बिरंगी राखियों के साथ इम्यून बूस्टर गिफ्ट पैक तैयार किया है.
अलग-अलग समूह और एनजीओ के सदस्य कोरोना से लड़ने की तैयारी कर रहे हैं. इसी कड़ी में महासमुंद के लाभरा गांव की बिहान महिला समूह कोरोना से लड़ने के लिए काढ़ा बना रही है. इस काढ़ा को बनाने के लिए गिलोय, गुड़, काली मीर्च, दालचीनी, इलायची, लॉन्ग, तुलसी, अजवाइन और मुलेठी का इस्तेमाल किया जा रहा है.
50 रुपये में बेचा जा रहा काढ़ा का पैकेट
इन जड़ी बूटियों को बाजार से खरीद कर लाने के बाद कुटा जाता है और फिर उसे छानकर काढ़ा बनाया जाता है. समूह की महिलाएं बताती हैं कि 2 किलो के सामान में लगभग डेढ़ सौ पैकेट काढ़ा बनता है, जिसके हिसाब से एक पैकेट की कीमत 50 रुपए रखा गया है.
गिफ्ट के रूप में बांट रहे सुरक्षा कवच
महिलाएं बताती हैं, रायपुर, बागबाहरा और महासमुंद से उनसे काढ़े की मांग की जाती है. वहीं रक्षाबंधन के त्योहारों को देखते हुए एक और नया काम शुरू किया गया है. समूह कि महिलाओं ने अब काढ़े की गिफ्ट पैकिंग करने लगी हैं. ताकि सभी भाई इस साल अपनी बहनों को गिफ्ट के तौर पर इसे दें सकें.