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मां ने मजदूरी करके पाला, दिव्यांग गुरु ने ट्रेनिंग दी, बेटा गोल्ड लेकर आया

वरुण निषाद ने गोवा में योग कर गोल्ड मेडल जीता है. वरुण की इस कामयाबी से सिर्फ वरुण का परिवार ही नहीं बल्कि पूरा गांव गर्व महसूस कर रहा है.

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Published : Dec 7, 2019, 12:04 AM IST

Updated : Dec 7, 2019, 1:21 AM IST

Varun nishad won the gold medal by doing yoga in Goa
वरुण निषाद ने गोवा में योग कर गोल्ड मेडल जीता

महासमुंद : जिले के खट्टी गांव में रहने वाली देवकी निषाद के बेटे वरुण ने मुफलिसी के बीच अपनी मां का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है. कम उम्र में पिता का साया सिर से उठा लेकिन मां ने मजदूरी करके पाला. मां की मेहनत को वरुण ने जाया नहीं किया और झोली में योग कॉम्पिटीशन में जीता गोल्ड मेडल लाकर डाल दिया.

खट्टी गांव के वरुण निषाद ने इंटरनेशनल योग कम्पटीशन में गोल्ड मेडल जीतकर पूरे गांव का नाम रोशन किया है. यह उपलब्धि वरुण ने केवल डेढ़ साल की कोशिश से हासिल की है. जहां 15 साल के वरुण की इस उपलब्धि पर गांव गर्व कर रहा है. वहीं इसका श्रेय जाता है उसके कोच और गुरु तोरण यादव को. तोरण दिव्यांग हैं लेकिन उनकी मेहनत ने वरुण को इतना मजबूत बनाया कि आज वे भी फूले नहीं समा रहे हैं.

मुफलिसी के आगे नहीं टेके घुटने
वरुण निषाद कक्षा 9वीं का छात्र है. उसने कम उम्र में ही अपने पिता को खो दिया. पति की मौत के बाद उनकी मां देविका पर तीन बच्चों के पालन-पोषण की जिम्मेदारी आ गई. इस कठिनाई भरी जिंदगी के बाद भी वरुण का हौसला कम नहीं हुआ. वो पढ़ाई के साथ-साथ योग में भी अपने हुनर को निखारता रहा. वरुण ने गोवा में 23 और 24 नवंबर को आयोजित सेकेंड इंटरनेशनल स्पोर्ट्स गेम में 6 देशों को पीछे छोड़ते अपने नाम गोल्ड मेडल कर लिया.

पेश है एक रिपोर्ट

दिव्यांग गुरु से सीखा योग
वरुण का कहना है कि वह अपने स्कूल में अपने गुरु तोरण यादव और अन्य लोगों को योग करते हुए देखता था, जिससे उसके मन में भी योग सीखने की इच्छा जागी. एक दिन यह बात उसने अपनी गुरु से कही और वहीं से वरुण ने योग करना शुरू किया. धीरे-धीरे वरुण योग में अच्छा प्रदर्शन करने लगा यह देखकर वह राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग लेने लगा. वरुण अब तक दो बार राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भाग ले चुका है.

वरुण ने कोच और गुरु तोरण यादव को दिया श्रेय
वरुण ने 2018-19 में राज्य स्तर पर प्रथम स्थान हासिल किया था. वहीं पतंजलि की ओर से आयोजित जिला स्तरीय योग प्रतियोगिता में भी तीन बार उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए वरुण को सम्मानित किया जा चुका है. वरुण के इस उपलब्धि के पीछे उसने अपने कोच और गुरु तोरण यादव को इसका श्रेय दिया. तोरण यादव खुद दिव्यांग हैं, उसके बावजूद भी उन्होंने योग करना नहीं छोड़ा बल्कि खुद को योग में लीन कर अन्य बच्चों को भी सिखाने लगे. वरुण के इस उपलब्धि से तोरण यादव बहुत खुश हैं. वे चाहते हैं कि उन्हें और सुविधा मिले, जिससे भविष्य में वरुण देश के लिए कई मेडल जीत कर लाएं.

Last Updated : Dec 7, 2019, 1:21 AM IST

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