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केंद्रीय राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते महासमुंद दौरे पर, विकास कार्यों की ली जानकारी

केन्द्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते महासमुंद जिले के दौरे पर सर्किट हाउस पहुंचे, जहां केन्द्रीय राज्य मंत्री ने जिला प्रशासन, जिला पंचायत सीईओ एवं ग्रामीण विकास के अधिकारियों के साथ मीटिंग की. महासमुंद में विकास कार्यों का जानकारी ली.

Union Minister of State Faggan Singh Kulaste
केंद्रीय राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते

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Published : Jan 12, 2022, 1:49 PM IST

महासमुंद: केन्द्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते महासमुंद जिले के दौरे पर सर्किट हाउस पहुंचे हैं. केन्द्रीय राज्य मंत्री ने जिला प्रशासन, जिला पंचायत सीईओ एवं ग्रामीण विकास के अधिकारियों के साथ बैठक की. इस दौरान ग्रामीण विकास की समीक्षा की. बैठक में महासमुंद लोकसभा के सांसद चुन्नीलाल लाल साहू, अपर कलेक्टर कोसरिया, जिला पंचायत सीईओ एस आलोक एवं एडिशनल एसी मेघा टेम्भुरकर मौजूद थे.

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पूर्व विधायक निर्मल सिन्हा के भाई की मौत पर करेंगे परिजनों से भेंट

बैठक के बाद केन्द्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने बताया कि फरफौद के पूर्व विधायक निर्मल सिन्हा के भाई की मौत हो गई है. वह उनके परिजनों से मिलने जाएंगे. सांसद चुन्नीलाल साहू के अनुरोध पर महासमुंद में ग्रामीण विकास की जानकारी अधिकारियों से ली. उन्होंने बताया कि मनरेगा, प्रधानमंत्री आवास के साथ ग्रामीण विकास के अन्य कार्य महासमुंद जिले में संचालित है. 70 हजार के आसपास प्रधानमंत्री आवास गरीबों को मिला है.

केन्द्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने बताया कि कि साल 2022-23 तक 2011 की सूची में जितने भी हितग्राही हैं, उन्हें आवास मिल जाएंगे. कोविड के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का संकट है. इसीलिए भारत सरकार ने कोशिश की है कि प्रत्येक गांव में कोई न कोई कार्य स्वीकृत हो ताकि लोगों को रोजगार मिले. भारत सरकार 80 करोड़ लोगों को मुफ्त में अनाज दे रही है.


प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना से जुड़े 90 फीसदी गांव

अटल बिहारी वाजपेयी के समय प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरुआत हुई. आज लगभग 90 फीसदी गांव इससे जुड़े हैं. 2023-24 तक 250 आबादी वाले क्षेत्रों को भी जोड़ लिया जायेगा. ग्रामीण महिलाएं स्व-सहायता समूह के जरिये आगे बढ़ रही है. 2014 में 2 करोड़ 36 लाख महिला समूह थे, जो आज बढ़कर 8 करोड़ 3 लाख हो गये है.

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