महासमुंद : प्रदेश में लगातार आत्महत्या के मामले बढ़ते जा रहे हैं. खुदखुशी के ताजा आकड़ों में छत्तीसगढ़ देश में चौथे नंबर पर है और महासमुंद जिला आंकड़ों के हिसाब से प्रदेश में पहले स्थान पर है. साल दर साल ये आकड़े बढ़ते जा रहे हैं. राष्ट्रीय स्तर पर 2015 में हुए एक सर्वे के अनुसार प्रति एक लाख की जनसंख्या पर 27.7 प्रतिशत व्यक्ति आत्महत्या कर रहे हैं.
जिलेभर में बनाए गए हैं 569 नवजीवन केंद्र
आत्महत्या के बढ़ते आंकड़ों ने जिला प्रशासन को हैरत में डाल दिया है, जिसे देखते हुए जिला प्रशासन जिले में नवजीवन कार्यक्रम चला रहा है. इसके तहत जिले में 569 नवजीवन केंद्र बनाए गए हैं, जहां लोगों को आत्महत्या से बचने के उपाय और डिप्रेशन से निकालने का सुझाव दिया जाता है. इसकी निगरानी के लिए 20 सदस्यों की मॉनिटरिंग टीम भी बनाई गई है, जिसके अध्यक्ष स्वयं कलेक्टर हैं.
आत्महत्या रोकथाम कार्यशाला
आत्महत्या के आंकड़ों को देखते हुए जिला प्रशासन ने 10 जून 2019 को नवजीवन कार्यक्रम की शुरुआत की, जिसके तहत गांव और शहर में आत्महत्या रोकथाम कार्यशाला लगाई जा रही है.
इस शिविर में तनाव प्रबंधन की जानकारी, जीवन कौशल प्रशिक्षण, विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा निशुल्क परामर्श, जीवन सखा-सखी और नवजीवन प्रेरक के जरिए मानसिक रूप से पीड़ित व्यक्तियों की पहचान की जा रही है. जिला प्रशासन के इस अभियान से जुड़ने के लिए कलेक्टर लोगों से अपील कर रहे हैं.