महासमुंद:छत्तीसगढ़ की पुरातत्विक नगरी सिरपुर को कौन नहीं जानता. सोमवंशी राजाओं ने यहां राम मंदिर और लक्ष्मण मंदिर का निर्माण करवाया था. ईंटों से बना हुआ प्राचीन लक्ष्मण मंदिर आज भी यहां का दर्शनीय स्थान है. उत्खनन में यहां प्राचीन बौद्ध मठ भी पाये गये हैं. देश ही नहीं बल्कि विदेशों से भी लोग यहां पहुंचते हैं. इस शहर को और आकर्षक बनाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने अनोखी पहल की है. कुहरी मोड़ से सिरपुर तक पांच जगहों के 500 वृक्षों पर चित्रकारी की जा रही है. यह चित्रकारी राष्ट्रीय सेवा योजना और नेहरू युवा केंद्र के 150 छात्र-छात्राओं ने की है.
छात्र-छात्राओं ने पेड़ों के तनों पर और सड़क किनारे पड़े बड़े-बड़े पत्थरों पर बौद्ध के चित्र उकेरे हैं. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ की संस्कृति-परंपरा, रीति-रिवाज और देवी-देवताओं के बेहतरीन चित्र बनाए गए हैं. जिसकी सभी तारीफ कर रहे हैं.
राष्ट्रीय सेवा योजना की जिला संगठक मालती तिवारी कहती हैं कि स्टूडेंट्स की प्रतिभा को बढ़ावा देने और सिरपुर को विश्व धरोहर में शामिल करवाने के उद्देश्य से पेंटिंग कराई जा रही है. वृक्ष पर चित्रकला बनाकर छात्र-छात्राएं भी काफी उत्साहित हैं. उनका कहना है कि छत्तीसगढ़ की संस्कृति और सिरपुर की संस्कृति को लोगों को बताने के लिए ये चित्रकारी की है. छात्रों ने बताया कि जिले में सिरपुर जैसी ऐतिहासिक धरोहर है. इसे देखने देश-विदेश से भी लोग आते हैं. उन्हें रास्ते में छत्तीसगढ़ की परंपरा, रीति-रिवाज, देवी देवताओं के भी दर्शन हो पाएंगे. इस उद्देश्य से हमने पेड़ों पर कलाकृतियां बनाई है.
सिरपुर में खुदाई के दौरान निकले बौद्ध विहार को जानने के लिए अध्ययन यात्रा
जिला प्रशासन कर रहा सहयोग