महासमुंद:कोरोना काल में लॉकडाउन के दौरान जिन रेहड़ी पटरी वालों का व्यापारा ठप पड़ गया था, उनके लिए 'पीएम स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना' वरदान साबित हुई है. योजना से महासमुंद जिले के सैकड़ों फुटपाथ व्यवसायियों को दोबारा व्यापार शुरू करने में मदद मिली है.
स्ट्रीट वेंडरों के लिए संजीवनी बनी 'पीएम स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना' इस योजना के तहत फुटपाथ विक्रेता 10 हजार रुपए तक का कर्ज आसान किस्तों में पाकर दोबारा अपना कारोबार शुरू कर आत्मनिर्भर भारत में अपना योगदान दे रहे हैं, वही दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत भी बने हुए हैं.
पीएम स्टीट्र वेडर्स योजना वरदान साबित कोरोना संकट से प्रभावित रेहड़ी-पटरी वालों को आर्थिक संबल प्रदान करने के लिए केंद्र सरकार की 'पीएम स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि योजना' वरदान साबित हुई है. महासमुंद जिले में अगस्त 2020 में इस योजना की शुरूआत की गई थी. तब से लेकर आज तक 105 फुटपाथ विक्रेताओं को विभिन्न बैंकों के माध्यम से 10 लाख 50हजार का ऋण उपलब्ध कराया जा चुका है. इस योजना में जूता, चप्पल, बैग, मिट्टी के बर्तन, चाय,फल, नाश्ता आदि विक्रेता शामिल हैं
पीएम स्ट्रीट वेंडर योजना वरदान साबित सभी निकायों में योजना संचालित
यह योजना जिले के सभी नगरी निकायों और नगर पंचायत में संचालित है. महासमुंद नगर पालिका में 1188 हितग्राहियों को लाभ देने का लक्ष्य मिला है. अभी तक 1200 आवेदन नगर पालिका को प्राप्त हुए हैं. इस योजना के तहत हितग्राही को 10 हजार रुपए ऋण के तौर मिलते हैं, जिन्हें एक साल में आसान मासिक किस्तों के तौर पर हितग्राही को अदा करने पड़ते हैं.
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दोबारा व्यापार शुरू करने में मिली मदद
योजना का लाभ लेने वाले निवासी नंदकुमार बताते हैं कि वे फुटपाथ पर जूता चप्पल की दुकान लगाते थे, लेकिन करोना काल में लॉकडाउन के चलते सबकुछ बंद हो गया और जो पूंजी इनके पास थी उसे उन्होंने घर चलाने में खर्च हो गई. उन्हें दोबारा रोजगार शुरू करने में काफी परेशानी आ रही थी. उन्हें पता चला कि केंद्र सरकार ने इनके जैसे फुटपाथ विक्रेताओं के लिए प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना की शुरुआत की है. उसके बाद नंदकुमार ने नगर पालिका जाकर इस योजना की जानकारी ली और आवेदन किया. तीन माह पहले इन्हें 10 हजार का ऋण मिला है. उसके बाद इसे इन्होंने जूता-चप्पल का दोबारा अपना कारोबार शुरू किया है. नंदकुमार प्रतिदिन 1500 से 2000 के जूता चप्पल बेचते हैं. आसानी से महीने की किस्त भी भर रहे हैं.
योजना से कई रेहड़ी पटरी वाले बने आत्मनिर्भर
नंदकुमार जैसे और भी कई हितग्राही हैं. जिन्होंने अपनी दुख भरी दास्तां ETV भारत को सुनाई. पीएम निधि योजना का लाभ लेकर खुशहाल जीवन व्यतीत करने वाले हितग्राही अब सरकार को धन्यवाद देते नहीं थक रहे हैं.
2022 तक संचालित की जाएगी योजना
मुख्य नगरपालिका अधिकारी एके हलदर का कहना है कि स्ट्रीट वेंडरों को आर्थिक रूप से सशक्त करना ही इस योजना का मुख्य उद्देश्य है. और उस कार्य को हम लगातार कर रहे हैं.गौरतलब है कि यह योजना वर्ष 2022 तक संचालित है. समय पर किस्त अदा करने वाले हितग्राही को 7% ब्याज सब्सिडी और कैशबैक भी दिया जा रहा है.