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छत्तीसगढ़ के आखिरी गांव को रोशन कर रही 'सौभाग्य योजना' - Mahasamund latest news

सौभाग्य योजना महासमुंद जिले के खट्टी गांव के लोगों के लिए वरदान साबित हुआ है. गांव के लोग जो वर्षों से गरीबी के कारण अपने घर में बिजली नहीं लगवा पा रहे थे. जिसके कारण इनके बच्चे अंधेरे में पढ़ने को मजबूर थे. अब गांव में सौभाग्य योजना से बिजली पहुंचने के बाद गरीब परिवारों के चेहरे जहां खिल गए हैं.

छत्तीसगढ़ के आखिरी गांव को रोशन कर रही 'सौभाग्य योजना'

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Published : Nov 19, 2019, 9:13 PM IST

Updated : Nov 21, 2019, 10:22 PM IST

महासमुंद: केंद्र सरकार की 'सौभाग्य योजना' छत्तीसगढ़ के आखिरी गांव तक लोगों के घरों को रोशन कर रही है. सौभाग्य योजना महासमुंद जिले के खट्टी गांव के लोगों के लिए वरदान साबित हुआ है. गांव के लोग जो वर्षों से गरीबी के कारण अपने घर में बिजली नहीं लगवा पा रहे थे. जिसके कारण इनके बच्चे अंधेरे में पढ़ने को मजबूर थे. अब गांव में सौभाग्य योजना से बिजली पहुंचने के बाद गरीब परिवारों के चेहरे जहां खिल गए, वहीं परिवार के लोग प्रधानमंत्री को बधाई दे रहे हैं.

छत्तीसगढ़ के आखिरी गांव को रोशन कर रही 'सौभाग्य योजना'

25 परिवार को मिली मुफ्त बिजली
महासमुंद जिले में सौभाग्य योजना की शुरुआत अक्टूबर 2017 में हुई थी. जिसके तहत जिले में 7901 परिवारों को विद्युत कनेक्शन देने का लक्ष्य था, लेकिन विद्युत विभाग ने दो कदम और आगे बढ़ते हुए 8856 परिवारों को कनेक्शन दिया है. जिले के 545 ग्राम पंचायतों में एक ग्राम पंचायत है खट्टी भी है, जो छत्तीसगढ़ का आखिरी गांव है. इसके बाद ओडिशा राज्य की सीमा शुरू हो जाती है. गांव की आबादी लगभग 1693 है. गांव के लोग मजदूरी और किसानी पर निर्भर हैं. इसी गांव का एक वार्ड कुरकुरभाटा है, जो गांव से करीब ढाई किलो मीटर दूर जंगली इलाके में बसा हुआ है. जहां बरसात के मौसम में पहुंचना बहुत कठिन है. इस चुनौती को विद्युत विभाग ने स्वीकार करते हुए 25 परिवार को सौभाग्य योजना के तहत विद्युत कनेक्शन मुहैया कराया.

डर के साये में कटती थी रात
इस वार्ड में रहने वाले परिवार बिना विद्युत कनेक्शन के ही गुजारा कर रहे थे. इनकी आर्थिक स्थिति भी ऐसी नहीं थी कि पैसा देकर विद्युत लगवा सकें. ऐसे में सौभाग्य योजना इन लोगों के लिए वरदान साबित हुई. इन परिवारों के बच्चे पहले लालटेन या डिवरी में पढ़ाई करते थे. इन परिवारों को रात में सांप-बिच्छू का डर लगा रहता था. जब से सौभाग्य योजना से इनके घरों में विद्युत का कनेक्शन लगाया गया है, इन परिवारों के लोगों के चेहरे खिल उठे हैं.

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निशुल्क बिजली पहुंचा उद्देश्य
विद्युत विभाग के आला अधिकारी सौभाग्य योजना के बारे में बताया कि 2011 के सामाजिक आर्थिक जाति जनगणना के आधार पर जिन घरों में बिजली नहीं पहुंच पाई है, ऐसे घरों में मुफ्त में बिजली पहुंचाना ही शासन का मुख्य उद्देश है. इसी के तहत महासमुंद जिला शत-प्रतिशत विद्युतीकरण हो चुका है. सरकार सौभाग्य योजना के तहत बीपीएल हितग्राही को विद्युत पोल तार, मीटर, एलआईडी बोर्ड निशुल्क दे रही है.

Last Updated : Nov 21, 2019, 10:22 PM IST

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