महासमुंद: केंद्र सरकार की 'सौभाग्य योजना' छत्तीसगढ़ के आखिरी गांव तक लोगों के घरों को रोशन कर रही है. सौभाग्य योजना महासमुंद जिले के खट्टी गांव के लोगों के लिए वरदान साबित हुआ है. गांव के लोग जो वर्षों से गरीबी के कारण अपने घर में बिजली नहीं लगवा पा रहे थे. जिसके कारण इनके बच्चे अंधेरे में पढ़ने को मजबूर थे. अब गांव में सौभाग्य योजना से बिजली पहुंचने के बाद गरीब परिवारों के चेहरे जहां खिल गए, वहीं परिवार के लोग प्रधानमंत्री को बधाई दे रहे हैं.
25 परिवार को मिली मुफ्त बिजली
महासमुंद जिले में सौभाग्य योजना की शुरुआत अक्टूबर 2017 में हुई थी. जिसके तहत जिले में 7901 परिवारों को विद्युत कनेक्शन देने का लक्ष्य था, लेकिन विद्युत विभाग ने दो कदम और आगे बढ़ते हुए 8856 परिवारों को कनेक्शन दिया है. जिले के 545 ग्राम पंचायतों में एक ग्राम पंचायत है खट्टी भी है, जो छत्तीसगढ़ का आखिरी गांव है. इसके बाद ओडिशा राज्य की सीमा शुरू हो जाती है. गांव की आबादी लगभग 1693 है. गांव के लोग मजदूरी और किसानी पर निर्भर हैं. इसी गांव का एक वार्ड कुरकुरभाटा है, जो गांव से करीब ढाई किलो मीटर दूर जंगली इलाके में बसा हुआ है. जहां बरसात के मौसम में पहुंचना बहुत कठिन है. इस चुनौती को विद्युत विभाग ने स्वीकार करते हुए 25 परिवार को सौभाग्य योजना के तहत विद्युत कनेक्शन मुहैया कराया.