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SPECIAL: कितने सुरक्षित हैं आपके घरों तक बिजली पहुंचाने वाले कर्मचारी, विशेष रिपोर्ट - कर्मचारियों की सुरक्षा व्यवस्था

विद्युत विभाग के लोग बिजली व्यवस्था सुचारू रूप से बनाएं रखने के लिए दिन-रात काम कर रहे हैं. सब-स्टेशनों में सभी तकनीकी पहलुओं पर नजर बनाएं हुए ये कर्मचारी भी किसी योद्धा से कम नहीं हैं. कोरोना काल में भी विभाग के लोग खतरों के बीच अपना कर्तव्य बखूभी निभा रहे हैं. सब स्टेशनों में सुरक्षा की क्या व्यवस्थाएं हैं. इन कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए क्या इंतजाम किए गए हैं. इसकी जमीनी पड़ताल ETV भारत ने की है. देखिये विशेष रिपोर्ट...

employees of electricity department
बिजली विभाग के कर्मचारी कितने सुरक्षित

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Published : Sep 20, 2020, 11:04 PM IST

महासमुंद:10 लाख की आबादी वाले महासमुंद जिले में लोगों की जिंदगी में रोशनी बनाए रखने बिजली विभाग दिन-रात कार्यरत है. कोरोना काल में भी विभाग के लोग खतरों के बीच अपना कर्तव्य बखूभी निभा रहे हैं. बिजली विभाग में अलग-अलग शाखाएं हैं, जिनका अलग-अलग काम है. उसी में एक कार्य है बिजली की सप्लाई करने वाले सभी सब स्टेशन के माध्यम से अपने कार्यों को सही रूप में चयनित करना.

कितने सुरक्षित हैं आपके घरों तक बिजली पहुंचाने वाले कर्मचारी

सब स्टेशन बिजली ट्रांसमिशन प्रणाली का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. जहां सुरक्षा और सुरक्षा तंत्र की कमी होने से बड़ी दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. सब स्टेशनों में सुरक्षा की क्या व्यवस्थाएं हैं. अधिकारी-कर्मचारी जोखिम भरे काम को करते समय कितने सुरक्षित हैं. कोरोना काल में इन कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए क्या इंतजाम किए गए है. इसकी जमीनी पड़ताल ETV भारत ने की है.

महासमुंद जिले में 26 लाख उपभोक्ता हैं. कृषि के लिए 10,4300 कनेक्शन, एकल बत्ती की 90 हजार दुकानें, 46,000 औद्योगिक और अन्य 6000 कनेक्शन है. 6 हजार में स्ट्रीट लाइट और टीसी कनेक्शन शामिल है. अब इन उपभोक्ताओं को जिस सब स्टेशन और उप सर्विस स्टेशन से बिजली मिलती है उनकी संख्या कुछ इस प्रकार है-

  • 220kv के दो सब स्टेशन
  • 132kv के 6 सब स्टेशन
  • 220kv वाले दो सब स्टेशन

परसवानी गांव में महासमुंद ब्लॉक में 132kv, झलप में 132kv, चुनचुनिया बागबाहरा ब्लॉक में 132kv, साकरा टेमरी में और 132kv का सब स्टेशन बसना दूधी पाली में हैं. जिससे पूरे जिले में बिजली की व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित हो रही है.

महासमुंद जिला पंप यूज वाला एरिया है. जिले में 15 हजार डिस्ट्रीब्यूशन ट्रांसफार्मर है. महासमुंद के दूरस्थ स्थलों तक शत-प्रतिशत बिजली सप्लाई है. सब स्टेशनों में सुरक्षा की बात करें तो यहां पर मेटलिस्ट, गिट्टी, फायर फाइटिंग सिस्टम, फायर इन एनयूसेंट, रेत की बाल्टी काम करने वालों के लिए दस्ताने, हेलमेट, रेनकोट सभी उपकरणों की पुख्ता की गई है. यहां तीन सिफ्ट में काम होता है. इन सब स्टेशनों में कर्मचारी ठेके के माध्यम से काम कर रहे हैं.

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ठेके पर काम कर रहे कर्मचारियों की योग्यता आईटीआई होना अनिवार्य है. 132kv वाले सब स्टेशनों में गार्ड समेत 22 स्टाफ गार्ड काम कर रहे हैं. जिसके कारण लोगों को बिना अवरोध के 24 घंटे बिजली की सुविधा मिल रही है. पावर ग्रिड फेल हो जाने पर दो पावर प्लांट यूनिट भी है. साथ ही 2 सोलर सिस्टम भी हैं, जो जिला पंचायत महासमुंद और कलेक्ट्रेट में है.

सुरक्षा के व्यापक इंतजाम

Etv भारत ने सब स्टेशनों की पड़ताल में पाया कि यहां व्यापक व्यवस्था के साथ सभी कामों का संचालन हो रहा है. इंजीनियर ने बताया कि सब स्टेशन और उप सब स्टेशनों में कोई भी बड़ी दुर्घटना अबतक नहीं हुई है. छोटी दुर्घटनाओं में फायर सेफ्टी की सहायता से ही कंट्रोल कर लिया गया. बड़ी दुर्घटनाओं के लिए भी हमारे पास व्यापक सुरक्षा उपकरण हैं.

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इन सब स्टेशनों में सात ऑपरेटर, 4 गार्ड, एक क्लीनर की पदस्थापना है. साथ ही मेंटेनेंस स्टाफ भी साथ है. जो बोर्ड की ओर से उपलब्ध कराई गई गाड़ी में घूम घूमकर सभी सभी स्टेशनों का मेंटेनेंस करते रहते हैं. कोरोना काल में इन बिजली कर्मचारियों की बदौलत आम से लेकर सभी खास लोगों को सुविधाएं मिली हैं. घर, दफ्तर, अस्पताल और बाकी सभी जगहों पर इनकी मेहनत की वजह से ही व्यवस्था कायम रह पाई.

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