महासमुंद:राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने छत्तीसगढ़ के महासमुंद के जिला मजिस्ट्रेट को अवैध ईंट भट्ठे में दम घुटने से मरने वाले पांच मजदूरों के परिवारों को 20-20 लाख रुपये का मुआवजा देने का आदेश दिया है. ट्रिब्यूनल ने छत्तीसगढ़ के बसना तहसील में 14-15 मार्च के दरम्यानी रात को हुई घटना की एक मीडिया रिपोर्ट के आधार पर मामले में संज्ञान लिया था. महासमुंद में ईंट भट्ठे के धुंए में दम घुटने से पांच लोगों की मौत हो गई थी, जबकि एक अन्य मजदूर की हालत गंभीर थी.
5 अप्रैल दाखिल किया जवाब:राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और जिला मजिस्ट्रेट को ट्रिब्यूनल ने पिछले माह मामले में नोटिस जारी किया था. 5 अप्रैल को मामले में जवाब दाखिल किया गया.
मृतकों को 20 लाख मुआवजा:पीठ के अध्यक्ष न्यायमूर्ति ए.के. न्यायिक सदस्य जस्टिस सुधीर अग्रवाल और विशेषज्ञ सदस्य ए. सेंथिल वेल सहित गोयल ने कहा कि इस ट्रिब्यूनल ने खतरनाक व्यावसायिक गतिविधियों से जुड़ी मौत और चोटों के कई मामलों को निपटाया है. पीड़ितों को क्षतिपूर्ति के सिद्धांत पर मुआवजे के लिए व्यावसायिक संस्थाओं को सवालों के घेरे में रखा है. मृतकों के लिए 20 लाख और चोटों की सीमा के आधार पर अलग-अलग पैमाने से मुआवजा दिया जाए.
नागरिकों को है ये अधिकार: मामले में पीठ ने कहा कि यदि ऐसी व्यावसायिक गतिविधि भुगतान करने में विफल रहती है तो राज्य सरकार को ऐसी संस्थाओं से वसूली की स्वतंत्रता के साथ सुरक्षा सुनिश्चित करने में विफलता के लिए भुगतान करना पड़ता है. नागरिक ऐसी घटनाओं की संभावना वाली व्यावसायिक गतिविधियों के खतरों से सुरक्षा के हकदार हैं.