महासमुंद: कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए किए गए लॉकडाउन के बीच भले ही ट्रेन और बस के पहिए थम गए हैं. लेकिन मजदूर तबके के लोगों का पलायन नहीं रुक रहा है. लॉकडाउन के पहले दौर में मजदूर जैसे-तैसे रुक गए, लेकिन दूसरे चरण में पैसे रुपए खत्म हो गए तो पैदल और साइकिल से अपने घरों के लिए निकल पड़े हैं.
बाता दें कि ऐसे ही पलायन करते कुछ मजदूरों को महासमुंद के 9 राहत शिविरों में रखा गया है. राहत शिविरों में रखने से पहले इन मजदूरों का स्वास्थ्य चेकअप भी कराया गया है.
प्रदेश के मजदूर रवाना
ऐसे ही 301 मजदूर में से 57 मजदूर ऐसे थे, जो छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में से थे. ऐसे मजदूरों को शासन के आदेश पर रविवार को उनके गृह जिला के लिए रवाना किया है. बता दें कि महासमुंद जिले से तीन बसों में मुंगेली, कवर्धा, रायगढ़, कोरबा और बस्तर के 9 मजदूरों को भोजन कराकर साथ में सूखा नाश्ता एक हफ्ते का सूखा राशन देकर रवाना किया गया है.
महासमुंद के एसडीएम ने बताया कि आज छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के फंसे मजदूरों को यहां से रवाना किया गया है. और दूसरे प्रांत के मजदूरों को शासन के आदेश के बाद भेजा जाएगा. जिले में 244 मजदूर अभी भी राहत शिविरों में हैं जो दूसरे प्रदेशों के हैं