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शराब की सरकारी दुकानें बंद नहीं होंगी बल्कि अच्छी क्वालिटी की देंगे: लखमा - छत्तीसगढ़ में शराबबंदी

छत्तीसगढ़ में सत्ता में आने से पहले कांग्रेस ने प्रदेश में शराबबंदी का वादा किया था. पार्टी के घोषणापत्र में शराबबंदी का जिक्र भी था लेकिन एक साल बीतने के बाद भी इस वादे पर अमल होता नहीं दिख रहा है. हालांकि पिछली कैबिनेट मीटिंग में 49 शराब दुकानें बंद करने का फैसला लिया लेकिन लगता है आबकारी मंत्री कुछ और ही ठान कर बैठे हैं.

कवासी लखमा, आबकारी मंत्री,  छग
कवासी लखमा, आबकारी मंत्री, छग

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Published : Feb 10, 2020, 4:47 PM IST

महासमुंद: पिछले दिनों भूपेश कैबिनेट की मीटिंग में 49 शराब दुकान बंद करने का फैसला लिया गया था. साथ ही छत्तीसगढ़ के सभी हुक्काबार को भी बंद करने का फैसला लिया गया है. इस फैसले से सरकार वाहवाही बटोर रही थी लेकिन आबकारी मंत्री के बयान ने एक बार फिर विपक्ष को बैठे बिठाए मुद्दा दे दिया. मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि, 'प्रदेश की सरकारी शराब दुकान बंद नहीं होंगी, बल्कि 49 बीयर बार बंद किए जाएंगे'.

कवासी लखमा, आबकारी मंत्री, छग

महासमुंद पहुंचे आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि, 'प्रदेश की कोई भी सरकारी शराब दुकान बंद नहीं होगी बल्कि प्रदेश के उन बीयर बारों को बंद किया जाएगा, जो बाहर से शराब लेकर आते थे. उन्होंने कहा कि, 'जो बीयर बार मिलावट कर बेचते है, उन्हें बंद करने का निर्णय लिया गया है. प्रदेश की सरकारी शराब दुकानों में अच्छी क्वालिटी की शराब नहीं मिल रही थी, जिसे लेकर क्वालिटी में सुधार लाने के लिए ये फैसला लिया गया है'.

'सरकारी शराब दुकान बंद नहीं होंगी'
बता दें कि मंत्री लखमा रविवार को सिरपुर महोत्सव में शामिल होने के लिए महासमुंद पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए इस फैसले के संबंध में जानकारी दी. मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि, 'पिछली बार प्रदेश की 50 दुकानों को बंद किया गया था, लेकिन इस बार प्रदेश की कोई भी सरकारी शराब दुकान बंद नहीं होगी बल्कि प्रदेश के बीयर बार बंद होंगे, जो मिलावट कर शराब बेचते थे. इनसे राज्य सरकार को नुकसान था'. साथ ही लखमा ने शराब की क्वालिटी में भी सुधार लाने की बात कही है.

'शराबबंदी सरकार की मंशा नहीं '
महासमुंद नगर पालिका अध्यक्ष भाजपा प्रकाश चंद्राकर ने मंत्री के इन बयानों पर पलटवार करते हुए कहा कि, 'सरकार की शराबबंदी की मंशा ही नहीं है, इसे लेकर सरकार की नीति स्पष्ट नहीं है. सरकार की कथनी और करनी में एक बड़ा अंतर है. उन्होंने कहा कि जिस सरकार के आबकारी मंत्री शराब बंद करने की वजह उसकी क्वालिटी में सुधार लाने की बात कह रहे हैं. वो भला कैसे शराबबंदी कर सकती है. उन्होंने सरकार पर लोगों को गुमराह करने का आरो लगाया. प्रकाश चंद्राकर ने कहा कि सरकार लोगों के साथ छल कर रही है.

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