महासमुंद: छत्तीसगढ़ में नए शिक्षा सत्र शुरू होने के लिए अब महज 3 महीने ही बचे हैं, इस वजह से सरकार बच्चों को पढ़ाने के लिए जहां नई-नई योजनाएं बना रही है और बड़े स्तर में उसका क्रियान्वयन कर रही है, लेकिन जहां पर बच्चों को शिक्षा दी जाती है, उन जगहों की बात करें, तो उन भवनों की स्थिति बद से बदतर हो चुकी है. शासन-प्रशासन ज्यादा से ज्यादा बच्चों को स्कूल तक लाने की कोशिश में लगा हुआ है, लेकिन जिन भवनों में बच्चों को पढ़ाया जा रहा है. पूरी तरह से जर्जर हो चुके हैं.
यहां स्कूलों की जो तस्वीर सामने आ रही है, वह अपने आप में भयंकर है. इन स्थितियों में बच्चों के माता-पिता अपने बच्चों को ऐसे स्कूलों में भेजने की जगह अपने बच्चों को घर में रखना ज्यादा अच्छा समझते हैं, क्योंकि इन स्कूलों में बच्चों के जान का डर हमेशा बना रहता है.
महासमुंद जिले की स्कूल
महासमुंद जिले की स्कूलों की बात करें, तो 1280 प्राथमिक स्कूल, 491 मिडिल स्कूल, 186 हाई स्कूल और हायर सेकेंडरी स्कूल हैं. बता दें कि 110 प्राथमिक शाला, 10 पूर्व माध्यमिक शाला, 18 हाईस्कूल और 31 हायर सेकेंडरी स्कूल को फौरन भवन की जरूरत है, जबकि स्वीकृत 6 हाईस्कूल और 8 हायर सेकेंडरी स्कूलों में अभी तक काम शुरू नहीं हुआ है.
जिले में 170 नए भवनों की जरूरत