महासमुंद: प्रदेश में 9 जिलों के किसानों को ब्लैक राईस का उत्पादन और बाद में खेतों से फसल का तय किया हुआ दाम देने के वादे के साथ ब्लैक रईस मिल ने किसानों ने बीज बांट दिए थे.
किसानों ने बताया कि पोहा राईस मिल बाफना और डॉक्टर आर के सेन ने ब्लैक राईस का उत्पादन खेतों में करने के लिए एक एग्रीमेंट करवाया था. एग्रीमेंट के हिसाब से किसानों को प्रति एकड़ के हिसाब से 20 किलोग्राम बीज दिया गया था. साथ ही क्षेत्र में 15 क्विंटल धान होने की बात कही और धान को 26 सौ रूपये प्रति क्विंटल सीधे खेतों से उठाने की बात भी कही गई.
पैदावार में लगा सामान्य से ज्यादा समय
वहीं किसानों ने यह भी बताया कि 'खेत में पूरी जैविक खाद का उपयोग करने को कहा गया था. जैविक दवाइयों से खेतों में धान तो हुआ, लेकिन सामान्य धान से अधिक समय लगा, जिसके कारण किसानों को धान को पानी भी ज्यादा पलाना पड़ा और ध्यान भी ज्यादा देना पड़ा'.
किसानों से धोखाधड़ी
इस वजह से किसानों का समय और रुपये ज्यादा खर्च हुआ. पैदावार के बाद धान उठाव के समय डॉक्टर आरके सेन ने अपनी परेशानियां बताते हुए डेढ़ साल निकाल दिए, जब किसानों ने धान के उठावन के लिए दबाव बनाया तो आखिर में डॉक्टर ने बाफना राइस मिल लबरा में सभी किसानों को धान लाकर देने को कहा और उन किसानों को धान का मूल्य लेने को कहा.
किसानों ने अपने धान और मेहनत की कमाई को बचाने के लिए मजबूरन अपने वाहनों से धान को राइस मिल तक पहुंचाया. वहीं किसानों को असली समस्या धान बेचने के बाद हुई एक-दो लोगों को ही धान के कुछ रुपये दिए गए.