महासमुंद: पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए वन विभाग ने जल संरक्षण के तहत कई स्थाई स्टॉप डेम, रेट चेक डेम, बोल्डर चेक डेम और सेफ्टा का निर्माण कराया है. वन विभाग के इस निर्माण कार्य ने ग्रामीणों की तकदीर और तस्वीर दोनों बदल दी है. कभी निस्तारी और सिंचाई के पानी की समस्या से परेशान किसान आज इन योजनाओं का लाभ लेकर खुशहाल जीवन जी रहे हैं.
पर्यावरण संरक्षण के लिए वन विभाग की पहल गांव में स्टॉप डैम बन जाने से लोग खुश है, वहीं आला अधिकारी आने वाले समय में इसे और बेहतर कर लिए जाने की बात कह रहे हैं. जिले में संरक्षण का काम 2017 में शुरू हुआ तब से लेकर अब तक वन विभाग ने जिले में 10 स्थाई, 2 हजार बोल्डर चेक डैम का निर्माण कराया है. वन विभाग की इस पहल के बाद लगभग 11 गांव के लोगों की समस्या और हजारों एकड़ में सिंचाई की समस्या समाप्त हो गई.
ग्रामीणों को मिली राहत
इन्हीं में से एक गांव के लोग सालों से निस्तारी और सिंचाई के पानी की समस्या से जूझ रहे थे. इसकी सूचना मिलते ही वन विभाग ने जिला खनिज संस्थान न्यास के 35 लाख की लागत से कवर डबरा पर स्टॉप डेम और एक छोटी सी नहर का निर्माण कराया. इससे बरसात के पानी को एक जगह एकत्रित कर के नहर के माध्यम से मोहकम गांव तक लाया गया. वन विभाग के इस काम से गांव के विस्तार और सिंचाई की समस्या तो दूर हुई ही है साथ ही भू-जल स्तर बढ़ गया है.
इसी तरह जंगलों में छोटे-छोटे रेत बैग डैम तैयार किया गया. इससे वहां पानी का ठहराव होने लगा और पानी के तेज बहाव पर रोक लग गया.
भू-जल संरक्षण की ओर पहल
ग्रामीणों का कहना है कि स्टॉप डेम बन जाने से हम लोगों की निस्तारी की समस्या तो दूर हुई ही है, साथ ही भू-जल स्तर भी सुधर गया है. अधिकारी का कहना है कि जिले में भू-जल संरक्षण को लेकर काफी अच्छा काम किया गया है. गौरतलब है कि नरवा के तहत नहरों का चयन कर प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है शासन से स्वीकृति के पश्चात कार्य पूर्ण होने पर और भी जल स्तर में सुधार आएगा.