महासमुंद : कोरोना काल के बाद हो रहा सिरपुर महोत्सव इन दिनों लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है.छत्तीसगढ़ के लोक कलाकार इस महोत्सव में अपनी कला का जौहर दिखा रहे हैं. बीते सोमवार को जिला स्तरीय रामायण मंडली प्रतियोगिता का आयोजन हुआ. जिसमें पहले स्थान पर रसनी बालिका मानस मंडली बिरकोनी महासमुंद, दूसरे स्थान पर ज्ञान भक्ति मोगरापाली बागबाहरा और तीसरा स्थान माया के दुलार मानस मंडली भवरपुर बसना ने प्राप्त किया. इसके बाद सभी को पुरस्कृत कर सम्मानित भी किया गया.
कलाकारों ने बांधा समां : शाम के समय लोक कलाकारों ने शानदार एवं रंगारंग प्रस्तुति दी. शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मोंहदा विकासखंड सरायपाली ने कर्मा नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति दी .यह नृत्य छत्तीसगढ़ की लोक-संस्कृति का पर्याय है. छत्तीसगढ़ के आदिवासी, गैर-आदिवासी सभी का यह लोक मांगलिक नृत्य है. उसके बाद शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय दुलारपाली विकासखंड बसना ने डंडा नृत्य का प्रदर्शन किया.डंडा नृत्य छत्तीसगढ़ का लोक नृत्य है. इस नृत्य को 'सैला नृत्य' भी कहा जाता है. यह पुरुषों का सर्वाधिक कलात्मक और समूह वाला नृत्य है. डंडा नृत्य में ताल का विशेष महत्व होता है. डंडों की मार से ताल उत्पन्न होता है. यही कारण है कि इस नृत्य को मैदानी भाग में 'डंडा नृत्य' और पर्वती भाग में 'सैला नृत्य' कहा जाता है. 'सैला' शैल का बदला हुआ रूप है.