महासमुंद:देश की पूरी अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित होने के बाद भी किसानों के लिए बनाई जा रही योजनाओं का किस तरह से क्रियान्वयन हो रहा है. इसका अंदाज इसी बात से लगाया जा सकता है कि कृषक सूचना एवं सलाह केंद्र सिर्फ खानापूर्ति के लिए ही बना दिया गया है.
सूचना केंद्र पर लटका ताला
जिले में विशेष सूचना एवं सलाह केंद्र की बात की जाए तो पूरे जिले में 3 सूचना केंद्र हैं, जो 8 लाख की लागत से बनाए गए हैं. वहीं 21 सूचना केंद्रों को 7 लाख रुपए में तैयार किया गया है. जो पिछले कई सालों से या तो बंद पड़े हैं और जो खुले हैं वहां पर न तो कर्मचारी हैं और न ही कृषि विभाग के REO हैं. उन्हें इसी भवन में रहकर किसानों की समस्याओं का समाधान और साथ ही सरकार की किसानों के प्रति चल रही योजनाओं से अवगत कराना एक अहम काम है.
कृषक सूचना और सलाह केंद्र से नहीं मिल रहा फायदा
महासमुंद जिले के सरायपाली ब्लॉक के अंतर्गत जोगनी पाली कृषक सूचना एवं सलाह केंद्र की बात करें, तो इसमें सराईपाली के सूचना केंद्र का आज तक ताला नहीं खुला है. बंद पड़ी बिल्डिंग क्षतिग्रस्त होने लगी है और महासमुंद के केंद्र की बात करें तो यहां पर उस नाम की बिल्डिंग ही नहीं है. जब पूछताछ की गई तो उस बिल्डिंग पर बोर्ड दूसरा लगा हुआ है. उसका नाम मिट्टी परीक्षण केंद्र के नाम से दर्ज है. पिछले 5 वर्षों से महासमुंद जिले में पौने दो करोड़ में खर्च कर किसानों के लिए बनाया गया कृषक सूचना सलाह केंद्र पूरी तरह से अनुपयोगी है.