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महासमुंद: धान खरीदी मेंं लापरवाही पर भड़के किसानों का हल्लाबोल, 'जानकारी दो या फांसी दो' के लगाए नारे

छत्तीसगढ़ में धान खरीदी में लापरवाही को लेकर किसानों का गुस्सा फूट पड़ा है. महासमुंद में सैकड़ों की संख्या में किसानों ने कलेक्ट्रेट का घेराव किया.

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Published : Dec 4, 2020, 7:00 PM IST

Updated : Dec 4, 2020, 10:46 PM IST

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किसानों ने किया लेक्टर कार्यालय का घेराव

महासमुंद:छत्तीसगढ़ में 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरू होते ही अन्नदाताओं के चेहरे पर खुशी झलकी थी, लेकिन अब धान खरीदी को लेकर हो रही लापरवाही के चलते किसान आंदोलन के लिए उतर आए हैं. बागबाहरा ब्लॉक के किसानों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया. किसानों ने संकेत के रूप में रस्सी का फंदा बनाकर कलेक्ट्रेट का घेराव किया. किसानों ने 'जानकारी दो या फांसी दो' के नारे लगाए.

भूपेश सरकार के खिलाफ किसानों का हल्लाबोल

बागबाहरा ब्लॉक के पट्टाधारी किसानों ने सांसद चुन्नीलाल साहू के अगुवाई में रैली निकालकर कलेक्ट्रेट का घेराव किया है. किसानों ने रस्सी का फंदा बनाकर शासन-प्रशासन से धान खरीद व्यापारी दो के नारे लगा रहे हैं. वहीं प्रशासन के आला अधिकारी सॉफ्टवेयर में कुछ कमी के कारण एंट्री नहीं होने की अलाप जप रहे हैं. किसान 'जानकारी दो या फांसी दो' की नारे लगा रहे हैं.

पट्टाधारी किसान धान खरीदी को लेकर कर रहे हड़ताल

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किसान 3 दिनों से बागबाहरा में आंदोलन कर रहे हैं

बागबाहरा के 6 से ज्यादा गांव के लोग खैरा, जीवनगढ़, भियाडीह, जोगीडीपा, टेका और टुलहु समेत लगभग डेढ़ सौ किसानों को वन अधिकार पट्टा मिला हुआ है, जिसका धान सोसायटी में बेचा जाता रहा है. इस वर्ष उनका पंजीयन नहीं हुआ है, जिसकी लिखित शिकायत किसानों ने प्रशासन से की है. किसानों ने बताया कि समय बीत जाने तक प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया. इसके बाद किसान पिछले 3 दिनों से बागबाहरा में आंदोलन कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से ध्यान नहीं दिया गया.

छत्तीसगढ़ सरकार के खिलाफ किसानों का फूट पड़ा गुस्सा

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किसानों ने खेती के लिए सोसायटी से कर्ज लिया था

किसानों ने बताया कि प्रशासन उनकी मांगों को अनसुना कर रही है. ऐसे में थक हारकर किसान आंदोलन का रुख अपनाए हैं. सांसद के नेतृत्व में रैली निकालकर कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव किया है. विडंबना है कि इन किसानों ने खेती के लिए सोसायटी से कर्ज लिया था. बावजूद सरकार किसानों को अनदेखा कर रही है. ऐसे में किसान प्रशासन के खिलाफ कूच कर दिए हैं.

रस्सी का फंदा लेकर कलेक्टर कार्यालय का घेराव

ईंटा भट्टा पर काम करने को मजबूर हो जाएंगे: सांसद

सांसद चुन्नीलाल साहू का कहना है कि प्रशासन किसानों का धान नहीं खरीदेगी, तो यह छोटे किसान बर्बाद हो जाएंगे. किसान पलायन करने को मजबूर हो जाएंगे. धान नहीं बिकने के कारण किसान ईंटा भट्टा पर काम करने को मजबूर हो जाएंगे.

Last Updated : Dec 4, 2020, 10:46 PM IST

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