महासमुंद: एक तरफ केन्द्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ देश भर के किसान आंदोलनरत हैं. वहीं महासमुंद जिले में हजारों बीज उत्पादक किसान उपज का दाम नहीं मिलने से परेशान हैं. कई किसान बीज निगम कार्यालय का चक्कर काट रहे हैं, लेकिन किसानों को हर बार आश्वासन का झुनझुना थमा दिया जा रहा है.
बीज निगम ने बढ़ाई किसानों की परेशानी पढ़ें: खेतों में बीज ही नहीं अपनी सांसें बो रहे किसानों की कहानी..
महासमुंद जिले में बीज निगम के तीन प्रक्रिया केन्द्र हैं. महासमुंद, बसना और सरायपाली है. इन तीनों प्रक्रिया केन्द्रों में किसानों से धान के बीज के लिए पंजीयन के बाद बीज उपलब्ध कराया जाता है.
पढ़ें: किसान संगठनों पर चक्रव्यूह रचने का प्रयास : श्रवण सिंह पंढेर
बीज निगम कार्यालय का चक्कर काट रहे किसान
किसानों ने बताया कि दिसंबर 2019-20 में 626 किसानों से 66 हजार 885 क्विंटल मोटे और पतले धान का बीज खरीदा था. बीज की कुल कीमत 4 करोड़ 78 लाख 71 हजार रुपये है. किसानों का भुगतान पिछले 1 वर्ष से अबतक नहीं हुआ है. किसान हैरान और परेशान बीज निगम कार्यालय के चक्कर काटने को मजबूर हैं.
राजनेता और आला अधिकारियों के जुमले से किसान परेशान
गौरतलब है कि किसान को अन्नदाता कहना राजनेताओं और आला अधिकारियों का जुमला बन गया है, लेकिन हकीकत में किसानों के हालात की चिंता किसी को नहीं है. बीज निगम शासन स्तर का मामला बताकर अपना पल्ला झाड़ रहा है. अब किसान परेशान हैं.