महासमुंद:जिले में 48 घंटों से लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. लगातार बारिश से जहां नदी-नाले उफान पर है तो वहीं जिले के कई ग्रामीण इलाकों का संपर्क भी मुख्यालय से कट गया है.
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बारिश के कारण कई नाले उफान पर
जिले में गढ़फुलजर दुधियापाली मार्ग, दुधिया नाला उफान के कारण बंद हो गया है. सालेझरिया नाला व कसेकेरा नाला भी उफान के कारण रास्ता जाम हो गया है. सिरपुर मार्ग पर जलकी के पास पेड़ गिरने के कारण रास्ता अवरुद्ध हो गया है. महासमुंद ब्लॉक में 3 और बसना ब्लॉक में 16 कच्चे मकान बारिश के कारण ढह गए है और 6 मवेशियों की मौत भी हो गई हैं.
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79 गांवों में जारी किया गया अलर्ट
प्रशासन ने महानदी व जोंक नदी के किनारे बसे 79 गांवों में एहतियातन अलर्ट जारी कर दिया है. सिकासेर जलाशय से 20 हजार क्यूसेक, सोंढूर जलाशय से 25 सौ क्यूसेक और ओडिशा के पतोरा डेम से 15 सौ क्यूसेक पानी छोड़े जाने की पुष्टि जिला प्रशासन ने की है. इसके साथ ही कलेक्टर ने उफनते नालों को पार नहीं करने की अपील भी लोगों से की हैं.
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48 घंटों में 1054 मिलीमीटर बारिश
बता दें कि पिछले 48 घंटों में महासमुंद ब्लॉक में 1054 मिलीमीटर, बागबाहरा में 1277 मिमी, पिथौरा में 715 मिमी, बसना में 1317 मिमी और सरायपाली में 1362 मिमी बारिश हुई है. 1 जून से अभी तक की औसत बारिश की बात करें तो 1145 मिमी औसत बारिश हुई है.
छत्तीसगढ़ के कई जिलों में फिर लगी बारिश की झड़ी
मौसम विभाग ने गुरुवार को 48 घंटे के लिए रेड, येलो और ऑरेंज अलर्ट भी जारी किया है. निम्न दबाव भी झारखंड के दक्षिण पश्चिम भाग में स्थित है. इसके साथ ही ऊपरी हवा का चक्रवाती घेरा 7.6 किलोमीटर ऊंचाई पर स्थित है. मानसून द्रोणिका बहराइच, वाराणसी से होते हुए दीघा और उसके बाद पूर्व दिशा की ओर उत्तर बंगाल की खाड़ी तक स्थित है. इस सिस्टम के बनने से छत्तीसगढ़ के कई जिलों में फिर एक बार मानसून की झड़ी लग गई है.
बारिश बनी लोगों के लिए मुसीबत
बता दें कि छत्तीसगढ़ के कई जिलों में भारी बारिश के साथ बाढ़ की स्थिति बनी हुई है. जिसके कारण निचले इलाकों में रहने वालों का हाल दूभर हो गया है. बारिश अब लोगों के लिए मुसीबत बन चुकी है. पहले ही कोरोना संकट को लेकर लोग परेशान थे, अब बारिश ने भी सब खराब कर रखा है.