महासमुंदः देवों के देव महादेव की पूजा पूरे विश्वभर में विभिन्न रूपों और नामों से होती है. भोलेनाथ को भक्त कहीं महाकाल, कहीं विश्वनाथ के नाम से तो कहीं भूतनाथ के नाम से पूजते हैं. छत्तीसगढ़ के प्राचीन शिवालयों में से एक सिरपुर में भगवान शंकर की पूजा गधेंश्वर के रूप में होती है. ऐसी मान्यता है कि इस शिवलिंग से गंध निकलता है. महाशिवरात्रि के मौके पर सुबह से ही मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा. श्रद्धालु भगवान शिव का जलाभिषेक कर पूजा-अर्चना की.
सरस सलिला महानदी के पावन तट पर सिरपुर नगरी में भगवान शंकर की पूजा गंधेश्वर के रूप में होती है. इस मंदिर का निर्माण 8वी शताब्दी में बाला अर्जुन के समय में बाणासुर ने कराया था. जिसके बारे में देवकथा है, कि वो हमेशा पूजा के लिए काशी जाते थे. वहां से एक शिवलिंग उठा कर लाते थे.