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SPECIAL: कोरोना वॉरियर्स सफाईकर्मियों का नगरपालिका पर आरोप, बिना सुरक्षा कवच करना पड़ रहा काम

कोरोना काल में सफाईकर्मी पूरी ईमानदारी के साथ अपनी सेवा दे रहे हैं. महासमुंद में ETV भारत की टीम ने सफाईकर्मियों से उनकी सुरक्षा के लिए किए गए प्रशासन के इंतजाम के बारे में जानने की कोशिश की. वहीं नगर पालिका अध्यक्ष का कहना है कि सफाईकर्मियों को कोरोना संकट के पहले ही उन्हें सुरक्षा किट बांटे गए थे.

mahasamund cleaners and sweepers
महासमुंद के सफाईकर्मियों की परेशानी

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Published : Jun 29, 2020, 10:36 PM IST

महासमुंद:कोरोना संक्रमण से बचने और इसके नियंत्रण के लिए पूरे देश में लॉकडाउन किया गया. एक तरफ जहां पूरी दुनिया करीब ढाई महीने से अपने घरों में बंद रही, वहीं सफाईकर्मी कोरोना वॉरियर्स की तरह लगातार अपनी सेवाएं देते रहे. महासमुंद में ETV भारत की टीम ने सफाईकर्मियों से जाना कि उन्होंने कोरोना काल में कैसे काम किया, काम करने के तरीके में कितना चेंज आया. वे किन-किन चीजों का ख्याल रख रहे हैं. साथ ही उनकी सुरक्षा के लिए किस तरह के इंतजाम किए गए हैं. वार्डवासियों ने बताया कि सफाई कर्मचारी बिना ग्लबस, बिना मास्क के काम कर रहे हैं.

खतरे में कोरोना वॉरियर्स

सफाई के मामले में महासमुंद की क्या है स्थिति ?

  • महासमुंद शहर में 30 वार्ड हैं.
  • यहां 117 सफाई मित्र हैं.
  • 47 सफाई रिक्शा और 10 टिप्पर हैं.
  • वर्तमान में 43 रिक्शे चालू हैं.
  • 4 रिक्शे खराब हैं.

शहर के 30 वार्डों में सफाई मित्र चौक-चौराहों, सब्जी मार्केट और सड़कों की सफाई में जुटे रहते हैं. इन जगहों से कचरा उठाकर SLR सेंटर ले जाया जाता है. महासमुंद नगर पालिका के अंतर्गत 4 SLR सेंटर हैं, जो खैरा, खरोरा, दलदली और तुमा डबरी में हैं. तुमा डबरी के SLR सेंटर में कचरा कंपोस्ट भी किया जाता है.

सफाईकर्मियों की परेशानी

सफाईकर्मियों के लिए सुरक्षा किट

ETV भारत की टीम ने SLR सेंटरों का दौरा किया और सफाईकर्मियों से चर्चा की. सफाईकर्मियों का कहना है कि उन्हें 22 मार्च को सुरक्षा किट दिया गया था. उस सुरक्षा किट में ग्लब्स, मास्क, जूता, वर्दी और टोपी दी गई थी. उन्होंने बताया कि उसके बाद से अब तक कुछ नहीं दिया गया. सालभर में तीन बार ही ये किट सफाईकर्मियों को दिया जाता है. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि उनके पास सुरक्षा किट तो है, लेकिन उसकी क्वॉलिटी खराब है, जिसकी वजह से वह सब खराब हो गया है.

रोजाना घर-घर कचरा लेने जाते हैं सफाईकर्मी

सफाईकर्मियों का कहना है कि सुरक्षा के इंतजाम पर्याप्त नहीं होने की वजह से उनमें संक्रमण का खतरा बना रहता है, क्योंकि वे सभी रोजाना शहर के अलग-अलग जगहों में कचरा लेने जाते हैं.

'कोरोना महामारी के पहले ही बांटे गए सुरक्षा किट'

इस संबंध में नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर का कहना है कि कोरोना महामारी के पहले ही उन्होंने सभी को सुरक्षा किट बांट दिया था. इसके अलावा कई बार इन सफाई मित्रों को अलग-अलग तरह से सामान का आवंटन किया गया, जो उनके लिए पर्याप्त है. पालिका अध्यक्ष ने कहा कि अगर सुरक्षा किट में कोई कमी है या क्वॉलिटी खराब है, तो उसे तुरंत रिप्लेस किया जाएगा.

स्कार्फ से मुंह बांधने को मजबूर सफाईकर्मी

नगर पालिका अध्यक्ष का कहना है कि आने वाली बारिश को देखते हुए सफाईकर्मियों के लिए रेनकोट भी मंगवा लिया गया है. अगर सफाईकर्मी बिना सफाई किट पहने काम करते पाए गए, तो उन्हें कड़ाई से इसका पालन करने के लिए कहा जाएगा.

पढ़ें- SPECIAL: कभी कोरोना से डरी सफाईकर्मी ने कहा- 'हम तो अपना काम करेंगे'

डॉक्टर का कहना है कि सफाई मित्रों को सफाई को लेकर बहुत ज्यादा ध्यान देना चाहिए, क्योंकि वह घर-घर से कचरा उठा रहे हैं. कचरे में लोगों के लगाए हुए मास्क भी मिल रहे हैं, जो संक्रमण का कारण बन सकते हैं. सफाईकर्मियों को पूरा सुरक्षा किट पहनना चाहिए, जिससे वह सुरक्षित रह सकें. उनका स्वस्थ होना जरूरी है, क्योंकि पूरे शहर की सफाई व्यवस्था इन लोगों पर टिकी हुई है.

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