महासमुंद:कोरोना संक्रमण से बचने और इसके नियंत्रण के लिए पूरे देश में लॉकडाउन किया गया. एक तरफ जहां पूरी दुनिया करीब ढाई महीने से अपने घरों में बंद रही, वहीं सफाईकर्मी कोरोना वॉरियर्स की तरह लगातार अपनी सेवाएं देते रहे. महासमुंद में ETV भारत की टीम ने सफाईकर्मियों से जाना कि उन्होंने कोरोना काल में कैसे काम किया, काम करने के तरीके में कितना चेंज आया. वे किन-किन चीजों का ख्याल रख रहे हैं. साथ ही उनकी सुरक्षा के लिए किस तरह के इंतजाम किए गए हैं. वार्डवासियों ने बताया कि सफाई कर्मचारी बिना ग्लबस, बिना मास्क के काम कर रहे हैं.
सफाई के मामले में महासमुंद की क्या है स्थिति ?
- महासमुंद शहर में 30 वार्ड हैं.
- यहां 117 सफाई मित्र हैं.
- 47 सफाई रिक्शा और 10 टिप्पर हैं.
- वर्तमान में 43 रिक्शे चालू हैं.
- 4 रिक्शे खराब हैं.
शहर के 30 वार्डों में सफाई मित्र चौक-चौराहों, सब्जी मार्केट और सड़कों की सफाई में जुटे रहते हैं. इन जगहों से कचरा उठाकर SLR सेंटर ले जाया जाता है. महासमुंद नगर पालिका के अंतर्गत 4 SLR सेंटर हैं, जो खैरा, खरोरा, दलदली और तुमा डबरी में हैं. तुमा डबरी के SLR सेंटर में कचरा कंपोस्ट भी किया जाता है.
सफाईकर्मियों के लिए सुरक्षा किट
ETV भारत की टीम ने SLR सेंटरों का दौरा किया और सफाईकर्मियों से चर्चा की. सफाईकर्मियों का कहना है कि उन्हें 22 मार्च को सुरक्षा किट दिया गया था. उस सुरक्षा किट में ग्लब्स, मास्क, जूता, वर्दी और टोपी दी गई थी. उन्होंने बताया कि उसके बाद से अब तक कुछ नहीं दिया गया. सालभर में तीन बार ही ये किट सफाईकर्मियों को दिया जाता है. वहीं कुछ लोगों का कहना है कि उनके पास सुरक्षा किट तो है, लेकिन उसकी क्वॉलिटी खराब है, जिसकी वजह से वह सब खराब हो गया है.