महासमुंद: सावन का नाम सुनते ही जेहन में हरियाली सी छा जाती है. हाथों में मेहंदी सजने लगती है. डालियों पर उमंग के झूले पड़ जाते हैं. सावन का महीना विशेष महत्व रखता है. प्रकृति पूरी तरह से हरी-भरी हो जाती है.
सावन आने पर महिलाओं ने मनाया जश्न सावन का इंतजार महिलाएं साल भर करती हैं. इसी महीने में ज्यादातर तीज-त्योहार मनाये जाते हैं. सावन के इसी मौके पर महासमुंद के टाउन हाल में एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन होता है. बीते 4 साल से यहां की महिलाएं 'आया सावन झूम के' नाम से कार्यक्रम का आयोजन करती आ रही हैं. इस साल भी रविवार देर शाम सैकड़ों महिलाओं ने कार्यक्रम में भाग लिया.
"आया सावन झूम के" कार्यक्रम की विशेषता
कार्यक्रम में महिलाएं लाल, पीली और हरी रंग की साड़ियों में कार्यक्रम में भाग लेती हैं. बताते हैं साड़ियों का रंग इस कार्यक्रम में विशेष महत्व रखता है. हरी रंग की साड़ी हरियाली का प्रतीक माना जाता है, वहीं लाल साड़ी शक्ति का प्रतीक है और पीले रंग की साड़ी श्रद्धा और अराधना का प्रतीक है.
महिलाएं भगवान शिव की आराधना कर बरसात का स्वागत करती हैं. कार्यक्रम में कई प्रतियोगिता का भी आयोजन किया जाता है. इसमें जीतने वाली महिलाओं को मिसेस सावन जैसी उपाधि से नवाजा जाता है. कार्यक्रम में 1 मिनट का गेम, भजन-कीर्तन, एकल डांस, व्यंजन कॉम्पिटीशन रखे जाते हैं.